Hindi, asked by aditi2319, 11 months ago

what should be written on the topic. "Bharat gyaan ka khazana.... "​

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Answered by sethGaurav
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Explanation:

भारतीय ज्ञान का खजाना’ का उद्देश्य है कि हमारे देश में छिपी हुई अनेक अदभुत एवं ज्ञानपूर्ण बातों को जनता के सामने लाना. इस पुस्तक का प्रत्येक लेख प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से अक्षरशः लाखों लोगों तक पहुँचता है. संभवतः इसीलिए पत्र, फोन एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतिक्रियाओं की मानो वर्षा ही हो रही है.

परन्तु ऐसी अनेक बातें हैं, जो हमें पता चलने पर हम भौचक्के रह जाते हैं, सुन्न हो जाते हैं. आज जो बातें हमें असंभव की श्रेणी में लगती हैं, वह आज से ढाई-तीन हजार वर्षों पहले भारतीयों ने कैसे निर्माण की होंगी, कैसे बनाई होंगी… यह एक प्रश्नचिन्ह हमारे सामने निरंतर बड़ा होता जाता है.

हिन्दू दर्शन में पंचमहाभूतों का विशेष महत्त्व है. पश्चिमी जगत ने भी इस संकल्पना को मान्य किया है. डेन ब्राउन जैसे प्रसिद्ध लेखक ने भी इस संकल्पना का उल्लेख किया है और इस विषय पर ‘इन्फर्नो’ जैसा उपन्यास भी लिखा. यह पंचमहाभूत हैं, जल, वायु, आकाश, पृथ्वी एवं अग्नि. ऐसी मान्यता है कि हम सभी का जीवनचक्र इन पाँचों महाभूतों के आधार पर ही आकार ग्रहण करता है.

यह बात कितने लोगों की जानकारी में है कि हमारे देश में इन पंचमहाभूतों के भव्य एवं विशिष्टताओं से भरे मंदिर हैं? बहुत ही कम लोगों को इसकी जानकारी है. जो लोग भगवान शंकर के उपासक हैं, उन लोगों को इन मंदिरों की जानकारी होने की थोड़ी बहुत संभावना है. क्योंकि इन पंचमहाभूतों के मंदिर अर्थात् शिव मंदिर, भगवान शंकर के मंदिर हैं. लेकिन इसमें कोई बड़ी विशेषता अथवा रहस्य तो नहीं है… फिर इनकी विशेषता किस बात में है…?

पंचमहाभूतों के इन पाँच मंदिरों की विशेषता अथवा रहस्य यह है कि इनमें से तीन मंदिर, जो एक-दूसरे से कई सौ किमी दूरी पर स्थित हैं, यह तीनों एक ही रेखा पर स्थित हैं. जी हाँ..! बिलकुल एक सीधी रेखा में हैं… यह तीन मंदिर हैं –

श्री कालहस्ती मंदिर

श्री एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम

श्री तिलई नटराज मंदिर, त्रिचनापल्ली

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