write a letter to you brothert keep road safety while going to school in hindi
Answers
⭐ ⭐
सुरक्षा और पहली सहायता
♣ परिचय ♣:
हर दिन हम समाचार पत्र में रेडियो और टेलीविजन पर दुर्घटनाओं के बारे में पढ़ते, सुनते और देखते हैं। एक दुर्घटना किसी भी समय और कहीं भी हो सकती है। हम पूरे दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करते हैं, लेकिन यदि हम लापरवाह हैं, तो दुर्घटनाएं हो सकती हैं और हमें चोट पहुंच सकती है।
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए और कुछ सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए, भले ही हम घर पर हों, स्कूल में, खेल के मैदान में या सड़क पर हों। ये सुरक्षा नियम हमें सुरक्षित होने में मदद कर सकते हैं।
आइए सुरक्षा नियमों के बारे में जानें जो आपको घर पर, सड़क पर, स्कूल में और खेल के मैदान में पालन करना चाहिए।
घर पर सुरक्षा नियम:
→ खिलौनों, बैग, किताबें इत्यादि जैसे अपने सामानों को अपने उचित स्थानों पर रखें। आप या कोई उन पर यात्रा कर सकता है और चोट पहुंचा सकता है।
→ मंजिल गीला मत रखो। आप या कोई गीले तल पर पर्ची कर सकते हैं।
→ गीले हाथों से बिजली के उपकरणों को छूएं नहीं। आपको बिजली का झटका मिल सकता है।
→ सीढ़ियों पर ऊपर और नीचे चढ़ते समय दौड़ें मत। सीढ़ियों की रेलिंग को स्लाइड न करें। आप गिर सकते हैं और चोट लग सकते हैं।
→ मैचस्टिक्स के साथ खेलें या किसी भी गर्म जहाजों को छूएं।
→ वयस्क से पूछे बिना कोई दवा न लें। आप खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
→ ब्लेड, कैंची या चाकू जैसे तेज वस्तुओं के साथ खेलें मत। आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं।
→ अजनबियों से बात न करें या उनसे चीजों को स्वीकार न करें।
→ अपने सिर पर खींचकर, तकिए, प्लास्टिक बैग आदि के साथ खेलें मत। आप खुद को पीड़ित कर सकते हैं।
सड़क पर सुरक्षा नियम:
वाहनों को स्थानांतरित करने के लिए सड़कें बनाई जाती हैं। अगर हम सावधान नहीं हैं, तो सड़क दुर्घटना का स्थान हो सकती है। सड़क पर रहते समय आपको सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा।
→ ज़ेबरा क्रॉसिंग पर हमेशा सड़क पार करें। सड़क पार करने से पहले, पहले अपने दाएं को देखो, फिर अपने बाएं और फिर अपने दाएं को। केवल तभी पार करें जब यह यातायात से दूर हो।
→ हमेशा फुटपाथ पर चलें या सड़क के उस तरफ चलें जहां से आप आने वाले वाहन देख सकते हैं।
→ ट्रैफिक लाइट लाल होने पर हमेशा सड़क पार करें।
→ सड़क पर दौड़ें या खेलो मत।
→ एक चलती गाड़ी से अपने शरीर का कोई हिस्सा न लें। आप चोट लग सकते हैं।
AT स्कूल में सुरक्षा नियम:
बच्चे स्कूल जाने के लिए आते हैं लेकिन उनकी लापरवाही कभी-कभी चोट का कारण बन सकती है। इसलिए, बच्चों को भी स्कूलों में सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा।
→ स्कूल में सीढ़ियों पर चढ़ने के दौरान एक-दूसरे को धक्का न दें।
→ खड़े मत हो या बेंच और डेस्क पर कूदो।
→ अपने सहपाठियों से लड़ें या उन पर चीजें फेंकें।
→ एक पेंसिल को तेज करने के लिए ब्लेड का उपयोग न करें, इसके बजाय, एक sharpner का उपयोग करें।
→ रेलिंग पर दुबला मत बनो, आप गिर सकते हैं।
→ बस में आने और बाहर जाने के लिए एक कतार में खड़े हो जाओ। एक दूसरे को धक्का मत दो।
→ स्कूल के बाहर स्टालों से खाना न खाएं। आप बीमार पड़ सकते हैं।
G प्लेग्राउंड में सुरक्षा नियम:
→ खेल के नियमों का पालन करें जो आप खेल रहे हैं।
→ स्विंग्स, स्लाइड या देखें-देखा पर अपनी बारी की प्रतीक्षा करें। एक दूसरे को धक्का मत दो।
→ खेल के मैदान में खेलते समय हर किसी के साथ दोस्ताना रहें।
→ कांटेदार हेजेज के पास मत खेलो। आप चोट लग सकते हैं।
→ उड़ान पतंग के लिए एक खुली जमीन पर जाएं। सड़क पर या छत पर पतंग उड़ाना खतरनाक है।
→ किसी भी बल्ले, गेंद या किसी भी चीज से चोट न दें जिससे चोट लग सकती है।
♣ FIRST - एआईडी:
चिकित्सक आने से पहले किसी भी घायल व्यक्ति को दी गई पहली या तत्काल सहायता को प्राथमिक चिकित्सा कहा जाता है।
हमेशा निम्नलिखित चीजों को ध्यान में रखें यदि आपको कोई घायल लगता है।
→ यदि आप किसी भी घायल व्यक्ति को देखते हैं, तो मदद करें।
→ शांत रहो और घायल व्यक्ति के पास भीड़ मत करो।
→ यदि आपका मित्र चोट पहुंचाता है, तो स्कूल में तुरंत अपने शिक्षक को सूचित करें, या अगर आप घर पर हों तो किसी भी वयस्क को सूचित करें।
→ यदि यह एक छोटा घाव या कट है, तो इसे धोने के बाद किसी भी एंटीसेप्टिक क्रीम को लागू करें।
→ अगर खून बह रहा है तो घाव को खून बहने दें। तुरंत प्रभावित क्षेत्र को बहुत सारे पानी से धोएं और किसी भी एंटीस्पेक्टिक क्रीम को लागू करें। फिर उस पर एक पट्टी या एक साफ रूमाल बांधें।
→ जला के मामले में, प्रभावित क्षेत्र पर किसी भी एंटीस्पेक्टिक क्रीम को लागू करें और इसे खोल दें।
Explanation:
जमाखोरी की समस्या :
जमाखोरी से भी महंगाई की समस्या बढती है। कालाबाजारी की वजह से लोगों को खाने के लिए अन्न भी नहीं मिल पाता है। जब-जब मंडी में माल आता है तब अमीर लोग उसे खरीदकर अपने गोदामों में भर लेते हैं। इसी तरह से वे अनेक तरह की वस्तुओं को इकट्ठा कर लेते हैं। जब वस्तुओं की अधिक जरूरत पडती है तो उनकी कीमत बढ़ जाती है।
इस तरह व्यापारी अपने माल को दो गुने और तीन गुने दाम पर बेचता है। जब-जब देश में सूखा पड़ता है तब व्यापारियों को बहुत लाभ होता है। सरकार ने इस अर्थव्यवस्था के खिलाफ बहुत से कानून बनाए हैं लेकिन फिर भी भ्रष्ट अधिकारी व्यापरियों का साथ देते हैं। जब अनाज मंडी में आता है तो अमीर व्यापारी अधिक मात्रा में अनाज खरीदकर अपने गोदामों में रख लेता है और बाजार में अनाज की कमी हो जाती है।
व्यापरी अपने अनाज को गोदाम से तब निकालता है जब उसे कई गुना फायदा होने वाला हो। कई बार सरकार हर साल पेट्रोल और डीजल के मूल्य बढ़ा देती है जिससे महंगाई बहुत प्रभावित होती है। भारत को निरंतर अनेक युद्धों का सामना करना पड़ा था।
कई देशों को स्वतंत्रता के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ी है। जब वर्षा की वजह से फसल अच्छी हुई थी तो कीमतों के कम होने के निशान दिखाई दिए लेकिन फिर से वही महंगाई की समस्या उत्पन्न हो गई थी।
दोषपूर्ण वितरण प्रणाली :
हम लोग कई बार देखते हैं कि अच्छा उत्पादन होने के बाद भी वस्तुएँ नहीं मिलती हैं अगर मिलती भी हैं तो वे महंगी होती हैं। इसकी दोषी हमारी वितरण प्रणाली होती है। हमें कई बार उदाहरण भी देखने को मिले हैं कि भ्रष्ट लोगों और व्यापारियों की वजह से ही महंगाई बढती आ रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने की जरूरत होती है।
व्यापारियों को कभी भी मनमानी करने का मौका नहीं मिलना चाहिए। इस तरह के वितरण के काम को सरकार को अपने हाथों में लेना चाहिए और ईमानदार लोगों को यह काम सौंपना चाहिए। उपजों में सरकार ने बढ़ोतरी करके भी देखी हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता है वस्तु की कीमत फिर भी उतनी ही रहती है घटती नहीं है। हमारी वितरण प्रणाली में ऐसा दोष होता है जो लोगों की मुश्किलें बढ़ा देता है।
जिम्मेदार :
हमारे देश के अमीर लोग इस महंगाई के सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं। आपात काल के शुरू-शुरू में तो वस्तुओं की कीमते कम करने की परंपरा चली लेकिन व्यापारी फिर से अपनी मनमानी करने लगे। जो तेल-उत्पादक देश होते हैं उन्होंने भी तेल की कीमत बढ़ा दी है जिससे महंगाई और अधिक बढ़ गई है। अफसरशाही, नेता, व्यापारी ये सभी महंगाई को बढ़ाने के लिए बहुत अधिक जिम्मेदार हैं।
महंगाई को रोकने के उपाय :
अगर कोशिश की जाये तो भारत में महंगाई को रोका भी जा सकता है। सबसे पहले सरकार को मुद्रा-स्फीति पर रोक लगानी होगी और बजट घाटों को बनाना बंद करना होगा। हमारे लिए यह बहुत दुःख की बात है कि आज तक किसानों को सिंचाई के लिए आधुनिक साधन प्राप्त नहीं हुए हैं।
सरकार को बड़े-बड़े नगरों के विकास की जगह पर गांवों के विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए। पूरे देश के लिए एक तरह की सिंचाई व्यवस्था का आयोजन होना चाहिए। महंगाई को रोकने के लिए समय-समय पर हड़तालें और आंदोलन चलाये गये हैं। महंगाई की वजह से गरीब लोग पहनने के लिए कपड़े नहीं खरीद पाते हैं वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गलत रास्ते पर चल सकते हैं इसीलिए गरीबों के लिए कम दाम में वस्तुएँ उपलब्ध करनी चाहिएँ।
सरकार को कालाबाजारी, जमाखोरों को रोकने के लिए बहुत ही सख्त कानून बनाने चाहिएँ। महंगाई को खत्म करने के लिए जनता को भी सरकार का साथ देना चाहिए। जनता का कर्तव्य है कि महंगी चीजों से दूर रहे उसे महंगाई से होने वाली समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए।
समुचित वितरण की व्यवस्था :
जरूरत की चीजों के उपभोग के समुचित वितरण के लिए बहुत से कानून बनाए गये हैं। हर जगह में खाद्यानों की पूर्ति के लिए खाद्यान आपूर्ति विभाग स्थापित किये गये हैं। जगह-जगह पर राशन की दुकानों को खोला गया है। अगर खाद्यान वितरण की व्यवस्था समुचित हो तो महंगाई को रोका जा सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है।
व्यापारी का एक मात्र लक्ष्य धन कमाना होता है वह इसके लिए अलग-अलग तरह के रास्ते निकालता रहता है। इस सब को देखकर ऐसा लगता है जैसे भ्रष्टाचार का साँप भी यहाँ पर अपना विष घोलता रहता है। जो लोग वितरण व्यवस्था के अधिकारी होते हैं वे अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं करते हैं। इसका परिणाम यह निकलता है कि दुकानदार जरुरतमंद वस्तुओं का संग्रह कर लेता है और अधिक-से-अधिक मूल्य में उसे बेचता है।
उपसंहार :
महंगाई को कम करने के लिए उपयोगी राष्ट्र नीति की जरूरत है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है उस तरीके से महंगाई को रोकना बहुत ही जरूरी है नहीं तो हमारी आजादी को दुबारा से खतरा पैदा हो जायेगा।
हमारी अधिकांश समस्याओं का मूल कारण बढती हुई जनसंख्या है। जब तक जनसंख्या को वश में नहीं किया जा सकता महंगाई कम नहीं होगी। महंगाई की वजह से निम्न वर्ग के लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती हैं और उनमें उन्हें खरीदने की लालसा पैदा होती है।