Write an article on the bravary of indian army in 150-200 words ..
in hindi....plese ans it as far as possible ......
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Life of soldier is really tough. He is all the time on duty, even beyond his normal working hours. And Indian soldier is known for his sense of duty and dedication. He is a true patriot, always prepared to lay down his life in the service of his motherland. He has to undergo a rigorous training before taking up his job as a regular soldier. As a soldier, he is perfectly disciplined and decent in this ways. He is ready to accept any challenge any time, in any part of the country. In war time, he fights at the front. When there is peace he helps the government in meeting any emergency or calamity that the country may be called upon to face. He is brave and courageous. He always maintains the true traditions of the great Indian army. He knows that his job is to obey the orders of the superiors and not to question their decisions. He is loyal to the country. He works in sun or shine, snow or shower, without any complaint or hesitation. May God help him to maintain the glory and integrity of this great country.
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बिपरीति परिस्तिथियो मे भी जैसे कठोर जलवायु, गगनचुंबी बर्फ़ीली चोटियों की हाड़ जमाने वाली सर्दी, दुर्गम घटियाँ, घने पहाड़ी जंगल, रेगिस्तान की भयानक गर्मी एवं असमान्य जल जीवन, अजेय, अपराजित, अनुशासित, निर्भीक, राष्ट्र भक्त भारतीय सैनिक की पहचान है| ऐसे बिपरीति परिस्तिथियो के परिवेश मे सैनिक अपना सर्वश्व न्योछावर करते हुए देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मे तत्पर रहते हैं| जीवन की अशांति और बेचैनी उनके लिए एक माहौल तैयार करता है| आम नागरिक जिन्होने युद्ध या युद्ध जैसा वातावरण नही देखा है उनके लिए यह सब कल्पना से परे है We can say “Indian Soldier Born to Kill“. भारतीय सैनिक कर्तब्यपरायणता, देश भक्ति एवं नैतिक मूल्यों से ओत्प्रोत होते हैं जिससे बिपरीत परिस्थियों मे भी आवश्यकतानुसार राष्ट्र सेवा मे सर्वोच्च बलिदान देने के लिए तत्पर रहते हैं| प्रशिक्षण के समय से ही सेना के मूल्य, एक सैनिक के दिलो दिमाग़ मे कूट कूट कर भर दिए जाते हैं जो निम्नलिखित हैं:-
1. भारतीय सेना जाति धर्म रहित एकता की भावना: सभी में जाति, पंथ या धर्म से परे होकर भाईबंदी और भाईचारे की भावना होना। इसके लिए भारतीय सेना का आदर्श वाक्य है- ”एक के सभी और सभी के लिए एक है!”
2. भारतीय सेना नि:स्वार्थ बलिदान की भावना: देश की सेना द्वारा नाम, नमक और निशान; नाम यानि राष्ट्र/सेना/ईकाई का नाम और सम्मान, नमक यानि राष्ट्र के प्रति वफादारी और निशान यानि राष्ट्र/सेना/रेजीमेंट/ईकाई के झंडे या प्रतीक के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को तत्पर रहना।
3. भारतीय सैनिक, साहस: दुश्मनों के छक्के छुड़ा देना और युद्ध में निर्भिकतापूर्वक डटे रहना, यहां तक कि जब विपरीत परिस्थितियों में भी युद्ध या लड़ाई की जा रही हो, तब भी वीरता से मैदान में डटे रहना।
4. भारतीय सैनिक भेदभाव रहित: भारतीय सेना, जाति, पंथ या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती है। सेना का सैनिक, सर्वप्रथम राष्ट्र का सैनिक होता है उसके बाद वह कुछ और होता है। यह एक अनूठी विशेषता है जो विविधताओं को एक टीम में बांध देती है।
5. भारतीय सैनिक ईमानदारी:प्रत्येक सैनिक में निष्पक्षता और ईमानदारी का भाव होता है। वह सिर्फ राष्ट्र के हितों के कारण लड़ता है और इसी कारण के चलते दुश्मनों (घायल या कैदी) से भी लड़ता है।
6. भारतीय सैनिक वफ़ादारी: एक सैनिक सदैव अपने कर्तब्य के मूल्यों के प्रति सिर्फ़ सैनिक जीवन मे ही नही अपितु नागरिक जीवन मे भी वफ़ादार रहता है।
7. भारतीय सैनिक अनुशासन: अनुशासन सभी परिस्थितियों के तहत देशभक्ति, ईमानदारी और साहस की भावना प्रदान करती निहित रहती है। वह जानता है कि राष्ट्र की रक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उस पर है और उसे इसमें विफल नहीं होना है।
8. भारतीय सैनिक असम्मानित मृत्यु: सैनिकों के बीच करीबी संबंध, असम्मानित होने पर उन्हे मृत्यु के लिए विवश कर देता है। सैनिक को, दल / यूनिट में इज्ज़त (सम्मान) की अवधारणा को मृत्यु के डर से दूर करने के लिए सक्षम बनाया जाता है, क्योंकि साथियों के समूह में कायर का जीवन, मौत से बदतर होता है।
9. भारतीय सैनिक स्पष्टवादिता: प्रत्येक सैनिक को स्पष्टवादी होना चाहिए, उसे अपनी हर बात और कर्तव्य को लेकर स्पष्ट होना आवश्यक होता है ताकि उसके सैन्य जीवन और सेवा भाव पर कोई प्रश्न न उठने पाएं।
10. भारतीय सैनिक, सैनिक के मूलमंत्र : उपरोक्त मूल्य, प्रत्येक सैनिक में स्वयं की भावना को दूर करके राष्ट्र की सेवा में अंतर्निहित कर देते हैं। चैटवुड हॉल के प्रसिद्ध मूलमंत्र को सैनिक, सदा-सदा के लिए आत्मसात कर लेते हैं। यह, इस मूलमंत्र की भावना है जो हर अधिकारी में आत्मसात होती है जो उसे अपने लोगों के साथ एक अडिग बंधन में बांधे रखता है।
11. भारतीय सैनिक, राष्ट्र सेवा सर्वोपरि : आपके राष्ट्र की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण, सदैव और हर समय सबसे पहले आती है।
12. सैनिक स्वयं की सुबिधा: आपके द्वारा कमान किए जाने वाले व्यक्ति का सम्मान, कल्याण और आराम पहले आता है। सबसे आखिर में आपकी स्वयं की सुविधा, आराम और सुरक्षा आती है।
1. भारतीय सेना जाति धर्म रहित एकता की भावना: सभी में जाति, पंथ या धर्म से परे होकर भाईबंदी और भाईचारे की भावना होना। इसके लिए भारतीय सेना का आदर्श वाक्य है- ”एक के सभी और सभी के लिए एक है!”
2. भारतीय सेना नि:स्वार्थ बलिदान की भावना: देश की सेना द्वारा नाम, नमक और निशान; नाम यानि राष्ट्र/सेना/ईकाई का नाम और सम्मान, नमक यानि राष्ट्र के प्रति वफादारी और निशान यानि राष्ट्र/सेना/रेजीमेंट/ईकाई के झंडे या प्रतीक के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को तत्पर रहना।
3. भारतीय सैनिक, साहस: दुश्मनों के छक्के छुड़ा देना और युद्ध में निर्भिकतापूर्वक डटे रहना, यहां तक कि जब विपरीत परिस्थितियों में भी युद्ध या लड़ाई की जा रही हो, तब भी वीरता से मैदान में डटे रहना।
4. भारतीय सैनिक भेदभाव रहित: भारतीय सेना, जाति, पंथ या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती है। सेना का सैनिक, सर्वप्रथम राष्ट्र का सैनिक होता है उसके बाद वह कुछ और होता है। यह एक अनूठी विशेषता है जो विविधताओं को एक टीम में बांध देती है।
5. भारतीय सैनिक ईमानदारी:प्रत्येक सैनिक में निष्पक्षता और ईमानदारी का भाव होता है। वह सिर्फ राष्ट्र के हितों के कारण लड़ता है और इसी कारण के चलते दुश्मनों (घायल या कैदी) से भी लड़ता है।
6. भारतीय सैनिक वफ़ादारी: एक सैनिक सदैव अपने कर्तब्य के मूल्यों के प्रति सिर्फ़ सैनिक जीवन मे ही नही अपितु नागरिक जीवन मे भी वफ़ादार रहता है।
7. भारतीय सैनिक अनुशासन: अनुशासन सभी परिस्थितियों के तहत देशभक्ति, ईमानदारी और साहस की भावना प्रदान करती निहित रहती है। वह जानता है कि राष्ट्र की रक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उस पर है और उसे इसमें विफल नहीं होना है।
8. भारतीय सैनिक असम्मानित मृत्यु: सैनिकों के बीच करीबी संबंध, असम्मानित होने पर उन्हे मृत्यु के लिए विवश कर देता है। सैनिक को, दल / यूनिट में इज्ज़त (सम्मान) की अवधारणा को मृत्यु के डर से दूर करने के लिए सक्षम बनाया जाता है, क्योंकि साथियों के समूह में कायर का जीवन, मौत से बदतर होता है।
9. भारतीय सैनिक स्पष्टवादिता: प्रत्येक सैनिक को स्पष्टवादी होना चाहिए, उसे अपनी हर बात और कर्तव्य को लेकर स्पष्ट होना आवश्यक होता है ताकि उसके सैन्य जीवन और सेवा भाव पर कोई प्रश्न न उठने पाएं।
10. भारतीय सैनिक, सैनिक के मूलमंत्र : उपरोक्त मूल्य, प्रत्येक सैनिक में स्वयं की भावना को दूर करके राष्ट्र की सेवा में अंतर्निहित कर देते हैं। चैटवुड हॉल के प्रसिद्ध मूलमंत्र को सैनिक, सदा-सदा के लिए आत्मसात कर लेते हैं। यह, इस मूलमंत्र की भावना है जो हर अधिकारी में आत्मसात होती है जो उसे अपने लोगों के साथ एक अडिग बंधन में बांधे रखता है।
11. भारतीय सैनिक, राष्ट्र सेवा सर्वोपरि : आपके राष्ट्र की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण, सदैव और हर समय सबसे पहले आती है।
12. सैनिक स्वयं की सुबिधा: आपके द्वारा कमान किए जाने वाले व्यक्ति का सम्मान, कल्याण और आराम पहले आता है। सबसे आखिर में आपकी स्वयं की सुविधा, आराम और सुरक्षा आती है।
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