Hindi, asked by isikamaheshwari, 9 months ago

write an essay on ajjkal ki shiksha pranali in hindi with respect to the chapter bade bahi sahab class 10

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Answered by sanikadhapate125
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Answer:

हमारे विचार में वर्तमान शिक्षा-प्रणाली शिक्षित होने के दंभ ढोने वाले लोगों का उत्पादन करने वाली निर्जीव मशीन मात्र बनकर रह गई है। तभी तो वह उत्पादन के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों दिशाहीन नवयुवकों को उगलकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेती है। इस शिक्षा-प्रणाली का ही तो दोष है कि बी.ए., एम.ए. करने के बाद भी सक्रियता या जीवन व्यवहारों के नाम पर व्यक्ति अपने को कोरा-बल्कि थका-हारा और पराजित तक अनुभव करने लगता है। यह प्रणाली अपने मूल रूप में कई-कई विषयों की सामान्यत जानकारी देकर शिक्षित होने का बोझ तो हम पर लाद देती है, पर वास्तिवक योज्यता और व्यावहारिकता का कोना तक भी नहीं छूने देती। परिणामस्वरूप व्यक्ति व्यक्तित्व से हीन होकर अपने लिए ही एक अबूझ पहेली और बोझ बनकर रह जाता है। ऐसे व्यक्ति से देश जाति के लिए कुछ कर पाने की आशा करना व्यर्थ है।

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