write an essay on wigyapan ki duniya i 5 paragraphs.
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एक छोटा-सा विज्ञापन क्या नहीं कर सकता, हिट हो जाए तो सामान्य से उत्पाद को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है | विज्ञापन की बानगी देखिए | ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’ जैसे विज्ञापन सहज ही लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं | यद्यपि, रेडियो या टेलीविजन के प्रसारण के छोटे-से समय या समाचार-पत्रों के छोटे-से हिस्से के द्वारा विज्ञापनों को अपना उद्देश्य पूरा करना पड़ता है, फिर भी इनमें रचनात्मकता देखते ही बनती है | इसमें दो राय नहीं कि मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू जैसे उत्पादों की बिक्री में वृद्धि का कारण इनके रचनात्मक विज्ञापन ही हैं |
विज्ञापन, उपभोक्ताओं को शिक्षित एंव प्रभावित करने के दृष्टिकोण से निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ओर से विचारों, उत्पादों और सेवाओं से संबंधित संदेशों का अव्यक्तिगत संचार है | यह मुद्रित, ऑडियो अथवा वीडियो रूप में हो सकता है | इसके प्रसारण के लिए समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एंव फिल्मों को माध्यम बनाया जाता है | इनके अतिरिक्त होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स इत्यादि का प्रयोग भी विज्ञापन के लिए किया जाता है | जूते-चप्पल से लेकर लिपस्टिक, पाउडर एंव दूध-दही यानी दुनिया की ऐसी कौन सी चीज है जिसका विज्ञापन किसी न किसी रूप में कहीं प्रसारित या प्रकाशित न होता हो | यहां तक कि विवाह के लिए वर या वधू की तलाश हेतु भी विज्ञापन प्रकाशित एंव प्रसारित होते हैं |
विज्ञापन की विशेषताओं पर गौर करें तो पता चलता है कि ये संदेश के अव्यक्तिगत संचार होते हैं | इनका उद्देश्य वस्तुओं एवं सेवाओं का संवर्द्धन करना होता है | इनके प्रायोजक द्वारा लोगों को वस्तु एंव सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित करने वाला एक संदेश प्रेषित किया जाता है | इस तरह विज्ञापन संचार का भुगतान किया हुआ एक रुप है | विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हैं- यह नए उत्पाद के प्रस्तुतीकरण में सहायक होता है | यह कंपनी के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में सहायक होता है | यह वर्तमान क्रेताओं को कायम रखता है | यह कंपनी की कीर्ति स्थापित करता है एंव इसमें वृद्धि करता है | यह ब्रांड छवि की रचना कर उसे बढ़ाने में प्रयुक्त होता है | यह व्यक्तिगत विक्रय में सहायक होता है |
विज्ञापन से कई प्रकार के लाभ होते हैं | यह उत्पादों, मूल्यों, गुणवत्ता, बिक्री संबंधी जानकारियों, विक्रय उपरान्त सेवाओं इत्यादि के बारे में उपयोगी सूचनाएं प्राप्त करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है | यह नए उत्पादों के प्रस्तुतीकरण, वर्तमान उत्पादों के उपभोक्ताओं को बनाए रखने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित कर अपनी बिक्री बढ़ाने में निर्माताओं की मदद करता है | यह लोगों को अधिक सुविधा, आराम, बेहतर जीवन पद्धति उपलब्ध कराने में सहायक होता है | इन सबके अतिरिक्त विज्ञापन समाचार-पत्र, रेडियो एंव टेलीविजन की आय का प्रमुख स्रोत होता है | यदि सही मात्रा में इन माध्यमों को विज्ञापन न मिले तो इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | जो समाचार-पत्र हम 3 या 4 रूपये में खरीदते हैं, उसकी छपाई का ही व्यय 10 रूपये से अधिक होता है | फिर प्रश्न उठता है कि हमें कम कीमत पर यह कैसे उपलब्ध हो जाता है | दरअसल, विज्ञापनों से प्राप्त आय से इसकी भरपाई की जाती है | इस तरह स्पष्ट है कि यदि संचार माध्यमों को पर्याप्त विज्ञापन न मिले तो इनके बंद होने का खतरा हो सकता है |
बड़ी-बड़ी कंपनियां ही आज खेल-कूद आयोजनों एंव अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करती हैं | टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हो या रेडियो पर आंखों देखा हाल, इन सबको बड़ी-बड़ी कंपनियां ही प्रसारित करती हैं | और इसका उद्देश्य होता है उनकी वस्तुओं एवं सेवाओं का विज्ञापन | इस तरह विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन भी होता है | आजकल टेलीविजन पर अत्यधिक मात्रा में प्रसारित विज्ञापनों के कारण लोगों को इससे अरुचि होने लगी है | किन्तु इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि यदि विज्ञापन न हों, तो किसी कार्यक्रम का प्रसारण भी नहीं हो पाएगा | इस तरह देखा जाए तो विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन हो पाता है | खिलाड़ियों के लिए तो विज्ञापन कुबेर का खजाना बन चुके हैं |
एक छोटा-सा विज्ञापन क्या नहीं कर सकता, हिट हो जाए तो सामान्य से उत्पाद को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है | विज्ञापन की बानगी देखिए | ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’ जैसे विज्ञापन सहज ही लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं | यद्यपि, रेडियो या टेलीविजन के प्रसारण के छोटे-से समय या समाचार-पत्रों के छोटे-से हिस्से के द्वारा विज्ञापनों को अपना उद्देश्य पूरा करना पड़ता है, फिर भी इनमें रचनात्मकता देखते ही बनती है | इसमें दो राय नहीं कि मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू जैसे उत्पादों की बिक्री में वृद्धि का कारण इनके रचनात्मक विज्ञापन ही हैं |
विज्ञापन, उपभोक्ताओं को शिक्षित एंव प्रभावित करने के दृष्टिकोण से निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ओर से विचारों, उत्पादों और सेवाओं से संबंधित संदेशों का अव्यक्तिगत संचार है | यह मुद्रित, ऑडियो अथवा वीडियो रूप में हो सकता है | इसके प्रसारण के लिए समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एंव फिल्मों को माध्यम बनाया जाता है | इनके अतिरिक्त होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स इत्यादि का प्रयोग भी विज्ञापन के लिए किया जाता है | जूते-चप्पल से लेकर लिपस्टिक, पाउडर एंव दूध-दही यानी दुनिया की ऐसी कौन सी चीज है जिसका विज्ञापन किसी न किसी रूप में कहीं प्रसारित या प्रकाशित न होता हो | यहां तक कि विवाह के लिए वर या वधू की तलाश हेतु भी विज्ञापन प्रकाशित एंव प्रसारित होते हैं |
विज्ञापन की विशेषताओं पर गौर करें तो पता चलता है कि ये संदेश के अव्यक्तिगत संचार होते हैं | इनका उद्देश्य वस्तुओं एवं सेवाओं का संवर्द्धन करना होता है | इनके प्रायोजक द्वारा लोगों को वस्तु एंव सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित करने वाला एक संदेश प्रेषित किया जाता है | इस तरह विज्ञापन संचार का भुगतान किया हुआ एक रुप है | विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हैं- यह नए उत्पाद के प्रस्तुतीकरण में सहायक होता है | यह कंपनी के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में सहायक होता है | यह वर्तमान क्रेताओं को कायम रखता है | यह कंपनी की कीर्ति स्थापित करता है एंव इसमें वृद्धि करता है | यह ब्रांड छवि की रचना कर उसे बढ़ाने में प्रयुक्त होता है | यह व्यक्तिगत विक्रय में सहायक होता है |
विज्ञापन से कई प्रकार के लाभ होते हैं | यह उत्पादों, मूल्यों, गुणवत्ता, बिक्री संबंधी जानकारियों, विक्रय उपरान्त सेवाओं इत्यादि के बारे में उपयोगी सूचनाएं प्राप्त करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है | यह नए उत्पादों के प्रस्तुतीकरण, वर्तमान उत्पादों के उपभोक्ताओं को बनाए रखने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित कर अपनी बिक्री बढ़ाने में निर्माताओं की मदद करता है | यह लोगों को अधिक सुविधा, आराम, बेहतर जीवन पद्धति उपलब्ध कराने में सहायक होता है | इन सबके अतिरिक्त विज्ञापन समाचार-पत्र, रेडियो एंव टेलीविजन की आय का प्रमुख स्रोत होता है | यदि सही मात्रा में इन माध्यमों को विज्ञापन न मिले तो इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | जो समाचार-पत्र हम 3 या 4 रूपये में खरीदते हैं, उसकी छपाई का ही व्यय 10 रूपये से अधिक होता है | फिर प्रश्न उठता है कि हमें कम कीमत पर यह कैसे उपलब्ध हो जाता है | दरअसल, विज्ञापनों से प्राप्त आय से इसकी भरपाई की जाती है | इस तरह स्पष्ट है कि यदि संचार माध्यमों को पर्याप्त विज्ञापन न मिले तो इनके बंद होने का खतरा हो सकता है |
बड़ी-बड़ी कंपनियां ही आज खेल-कूद आयोजनों एंव अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करती हैं | टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हो या रेडियो पर आंखों देखा हाल, इन सबको बड़ी-बड़ी कंपनियां ही प्रसारित करती हैं | और इसका उद्देश्य होता है उनकी वस्तुओं एवं सेवाओं का विज्ञापन | इस तरह विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन भी होता है | आजकल टेलीविजन पर अत्यधिक मात्रा में प्रसारित विज्ञापनों के कारण लोगों को इससे अरुचि होने लगी है | किन्तु इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि यदि विज्ञापन न हों, तो किसी कार्यक्रम का प्रसारण भी नहीं हो पाएगा | इस तरह देखा जाए तो विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन हो पाता है | खिलाड़ियों के लिए तो विज्ञापन कुबेर का खजाना बन चुके हैं |
MohitKhurana124:
hlo kha h yr
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