write few pionts about crow in hindi
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कौआ कबूतर के आकार काले रंग का एक पक्षी है।
कौआ संसार के प्राय: सभी भागों में पाया जाता है।
यह बहुत जोर से काँव काँव की कर्कश आवाज करते है।
कौए को बहुत उद्दंड, धूर्त तथा चालाक पक्षी माना जाता है।
कौवे को अक्सर निर्भीक निडर बताया जाता है।
कौवे पेड़ों और चट्टानों के किनारों में घोंसले बनाते हैं।
कीड़े, लार्वा, फल और बीज इनका प्रमुख आहार है।
कौए की छः प्रजातियाँ भारत में मिलती हैं।
इसकी चोच लंबी व कडी तथा पंजे मजबूत होते है।
कौवे अन्य पक्षियों का भोजन झपट्टा मारकर चुरा लेते हैं।
Answer:
कौआ एक बहुत ही साधारण पक्षी है। यह संसार में हर जगह पाया जाता है। यह काले रंग का होता है। इसकी वाणी कठोर व अप्रिय होती है। यह एक क्लीनर पक्षी होता है यानी एक ऐसा पक्षी जो गंदगी तो साफ़ करता ही है साथ ही पर्यावरण को भो शुद्ध बनाये रखता है। यह बहुत सी गंदगी व बेकार वस्तुओं को खाकर ख़त्म कर देता है जैसे - रोटी, डबल रोटी, मिठाई, नाश्ता, मांस व मरे हुए जानवरों का मांस भी खाता है। इसकी चोंच बहुत मजबूत होती है। यह कठोर से कठोर चीज को भी आसानी से तोड़ सकती है। यह पक्षी दूसरी चिड़िया के बच्चों को मारकर भी खाता है।
कौए पेड़ पर झुण्ड में रहते हैं। यह बहुत चालाक पक्षी होता है। कभी-कभी तो यह घरों व दुकानों से खाने की चीज चुरा लेते हैं। यह एक बहुत ही बहादुर पक्षी होता है, कभी-कभी ये बच्चों के हाथों से भी चीजें चीन लेते हैं। यह सुबह जल्दी उठते हैं और अपनी कर्कश वाणी से कांय-कांय करना शुरू कर देते हैं। अगर कोई खतरा दिखाई देता है तो भी यह कांय-कांय करना शुरू कर देते हैं। जब यह किसी बिल्ली को देख लेते है तो भी यह जोरों से कांय-कांय करने लगते हैं ऐसा करके वह दुसरे कौओं को खतरे से सावधान करते हैं।
पहाड़ों पर रहने वाले कौए आकार में बड़े तथा सम्पूर्ण काले होते हैं। जबकि शहर में रहने वाले सभी कौओं की गर्दन स्लेटी रंग की होती है। यह कोयल द्वारा आसानी से मूर्ख बना दिए जाते हैं। कोयल कौवे के घोसले में अपने अंडे रख देती है और कौआ अनजाने में ही कोयल के अंडे के ऊपर बैठकर उन्हें सेता है। जिससे कोयल के बच्चे जन्म लेते हैं। एक अन्य चिड़िया भी कौए की भाँती ही दिखती है जिसे जैक डाव कहा जाता है। कौआ इंसान का सबसे अच्छा मित्र होता है, क्योंकि वह सभी बेकार वस्तुओं को खा जाता है। कौए एक अच्छे प्राकृतिक क्लीनर होते हैं। इसलिए ये सम्मान के अधिकारी हैं और हम इनके कृतज्ञ हैं।