Write nibandh on diwali in hindi.
Answers
Answered by
3
दीपावली, भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौशनी से प्रकाशमय कर देता है।
दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियां हैं। हिंदू मान्यताओं में राम भक्तों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचंद्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा असुरी वृत्तियों के प्रतीक रावणादि का संहार करके अयोध्या लौटे थे।
तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इसीलिए दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए।
जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है। सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। इसके अलावा 1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।
नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है। पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली। महर्षि दयानंद ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की।
हिंदुओं में इस दिन लक्ष्मी के पूजन का विशेष विधान है। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मीजी,विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की पूजा-आराधना की जाती है।
hope it helps you
दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियां हैं। हिंदू मान्यताओं में राम भक्तों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचंद्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा असुरी वृत्तियों के प्रतीक रावणादि का संहार करके अयोध्या लौटे थे।
तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इसीलिए दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए।
जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है। सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। इसके अलावा 1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।
नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है। पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली। महर्षि दयानंद ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की।
हिंदुओं में इस दिन लक्ष्मी के पूजन का विशेष विधान है। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मीजी,विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की पूजा-आराधना की जाती है।
hope it helps you
shayeree0021:
yes
Answered by
1
दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है दिवाली मतलब हर्ष उल्लास का त्यौहार रोशनी का त्योहार दीपोत्सव का त्यौहार दीवाली में हर जगह दीपोत्सव किया जाता है सभी तरफ हर्षोल्लास और आनंदमई प्रसन्ना वातावरण होता है
दिवाली Toharहिंदू महीने के अनुसार अश्विन मास की अमावस्या दिन मनाया जाता है
दिवाली वसुबारस के दिन से शुरू होती है उसके अगले दिन धनत्रयोदशी मतलब धनतेरस मनाई जाती है उस दिन यम दीप दान भी किया जाता है इस दिन दिन की पूजा की जाती है
धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी यानी कई भागों में इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है दिवाली के हर एक दिन के लिए एक कथा जुड़ी होती है नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर से जुड़ी कथा सभी को ज्ञात है
नरक चतुर्दशी के अगले दिन दिवाली मुख्य त्योहार मनाया जाता है उस दिन लक्ष्मी पूजन कुबेर पूजन गणपति पूजन आदि देवताओं की पूजा की जाती है लक्ष्मी पूजन करने से लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से लक्ष्मी जी का वास घर में रहता है मतलब लक्ष्मी जी की कृपा घर में सदैव बनी रहती है
उस दिन पटाखों से दिवाली की खुशी में चार चांद लग जाते हैं
दिवाली के अगले दिन बलिप्रतिपदा यह मनाया जाता है उस दिन से भी जुड़ी अनेक लोक कथाएं प्रसिद्ध है उस दिन अनेक प्रांतों में कई जगह पर शुभ दिन माना जाता है जैसे महाराष्ट्र में साडे तीन मुहूर्त में से एक यह शुभ मुहूर्त माना जाता है
कुछ जगह पर इसे नव वर्ष माना जाता है
अगले दिन आती है भाऊबीज इस एक अनेक जगह पर अलग अलग नाम से पहचाना जाता है जैसे महाराष्ट्र में भाऊबीज और कई जगह पर भाई दूज यह
भाई और बहन का दिन होता है
बहन अपने भाई के माथे पर टीका करती है
दिवाली के इन दिनों में सभी रिश्तेदार दोस्त हित चिंतक परिवार वाले इकट्ठा होकर भेट देते हैं
इस तरह से दिवाली मनाई जाती है
शुभ दीपावली!!!
दिवाली Toharहिंदू महीने के अनुसार अश्विन मास की अमावस्या दिन मनाया जाता है
दिवाली वसुबारस के दिन से शुरू होती है उसके अगले दिन धनत्रयोदशी मतलब धनतेरस मनाई जाती है उस दिन यम दीप दान भी किया जाता है इस दिन दिन की पूजा की जाती है
धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी यानी कई भागों में इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है दिवाली के हर एक दिन के लिए एक कथा जुड़ी होती है नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर से जुड़ी कथा सभी को ज्ञात है
नरक चतुर्दशी के अगले दिन दिवाली मुख्य त्योहार मनाया जाता है उस दिन लक्ष्मी पूजन कुबेर पूजन गणपति पूजन आदि देवताओं की पूजा की जाती है लक्ष्मी पूजन करने से लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से लक्ष्मी जी का वास घर में रहता है मतलब लक्ष्मी जी की कृपा घर में सदैव बनी रहती है
उस दिन पटाखों से दिवाली की खुशी में चार चांद लग जाते हैं
दिवाली के अगले दिन बलिप्रतिपदा यह मनाया जाता है उस दिन से भी जुड़ी अनेक लोक कथाएं प्रसिद्ध है उस दिन अनेक प्रांतों में कई जगह पर शुभ दिन माना जाता है जैसे महाराष्ट्र में साडे तीन मुहूर्त में से एक यह शुभ मुहूर्त माना जाता है
कुछ जगह पर इसे नव वर्ष माना जाता है
अगले दिन आती है भाऊबीज इस एक अनेक जगह पर अलग अलग नाम से पहचाना जाता है जैसे महाराष्ट्र में भाऊबीज और कई जगह पर भाई दूज यह
भाई और बहन का दिन होता है
बहन अपने भाई के माथे पर टीका करती है
दिवाली के इन दिनों में सभी रिश्तेदार दोस्त हित चिंतक परिवार वाले इकट्ठा होकर भेट देते हैं
इस तरह से दिवाली मनाई जाती है
शुभ दीपावली!!!
Similar questions