युवा वर्ग अौर समाज सुधार पर चार सौ शब्ढ का निबंध लिखिए ।
Answers
परिचय
युवा किसी भी राष्ट्र का अभिन्न अंग होते हैं। एक राष्ट्र जो ऊर्जावान, जिज्ञासु और मेहनती युवकों से भरा है और उन्हें काम के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने में सक्षम हो वह अपने विकास के लिए मजबूत आधार बनाता है।
भारत का युवा
लगभग 65% भारतीय जनसंख्या युवाओं की है। हमारे देश में कई प्रतिभाशाली और मेहनतकश युवा हैं जिन्होंने देश को गर्व की अनुभूति कराई है। भारत में युवा पीढ़ी उत्साहित और नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक हैं। चाहे वह विज्ञान, प्रौद्योगिकी या खेल का क्षेत्र हो - हमारे देश के युवा हर क्षेत्र में श्रेष्ठ हैं।
युवाओं को क्यों सशक्त बनाए?
यहां कुछ कारण बताए हैं कि क्यों देश के युवाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है:
अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में उनकी सहायता करने के लिए।
अपनी रूचियों का पता लगाने में उनकी सहायता करने के लिए।
उनमें छिपी संभावितता को पहचानने के लिए
उन्हें समाज की समस्याओं के बारे में संवेदनशील बनाने और उन्हें यह शिक्षित करने के लिए कि वे कैसे इन समस्याओं के उन्मूलन के लिए योगदान कर सकते हैं।
देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ विभिन्न देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए।
भारत में युवाओं का सशक्तिकरण
भारत सरकार का भी लक्ष्य युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर है। निष्क्रिय होकर बैठने की बजाए युवाओं को देश के विकास और प्रगति में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। युवा दिमाग को प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए देश की सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति शुरू की है। इसका उद्देश्य युवाओं की सही दिशा में संभावित रूप से निर्देशित करना है जो संपूर्ण रूप से राष्ट्र को मजबूत करने में मदद करेगा।
देश में हर बच्चे को शिक्षा मिले यह सुनिश्चित करने के लिए भी कई शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। भारत सरकार लिंग भेदभाव नहीं करती है। देश में लड़कियों को सशक्त बनाने के इरादे से सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू किया है।
युवा मामलों का विभाग युवाओं के सशक्तिकरण में भी सक्रिय रूप से शामिल है। इसने देश में युवाओं के नेतृत्व के गुण और अन्य कौशल को बढ़ाने के लिए कई पहले कीं हैं।
जब देश के युवा अपने कौशल और क्षमता का पूरी तरह उपयोग करेंगे तो देश निश्चित रूप से विकास और उन्नति करेगा और इसे दुनिया भर में एक नई पहचान मिलेगी।
निष्कर्ष
एक राष्ट्र जो अपने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है और उन्हें विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से अधिकार देता है वह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत मजबूत और बुद्धिमान युवाओं के निर्माण के लिए काम कर रहा है। हालांकि हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
धन्यवाद
अगर आपको मेरा जवाब पसंद है तो कृपया मुझे शानदार सूची में जोड़ें(If you like my answer please add me in brilliant list.)
कहते हैं कि युवा शक्ति ही समाज और देश का भविष्य है और इनके ही कन्धों पर किसी भी देश और समाज का भविष्य निर्भर होता है। यदि युवा वर्ग सशक्त होगा तभी समाज और फिर राष्ट्र सशक्त होगा।
व्यक्ति से परिवार,परिवार से समाज और समाज से ही एक राष्ट्र का निर्माण होता है,अतः देश को मज़बूत और शक्तिशाली बनाने के लिए स्वस्थ समाज का होना नितांत आवश्यक है।
और समाज वो तालाब है जिसका जल सदा एक ही आकार में होकर भी एक अवस्था में नहीं होता,स्थिर दिखते हुए भी स्थिर नहीं होता।स्वच्छ करने के तुरंत बाद ही वो पुनः गन्दा हो जाता है,ठीक उसी तरह सामाजिक मनोविज्ञान
भी काम करता है,अच्छे लोगों द्वारा किये गए कामों से जबतक समाज लाभान्वित हो उसे असामाजिक तत्व उससे पहले ही कुछ नई समस्या,नया विवाद खड़ा कर लेते हैं।
समानांतर रूप से ही समाज की अच्छाईयों और बुराईयों का आवागमन चलता रहता है,इसलिए ये आवश्यक है कि हमारा युवा हर पल सचेत और चौकस रहे,प्रयास करे कि पुरानी कुरीतियाँ विदा तो हों पर कोई
नई कुरीति प्रवेश ना कर सके। ऐसी ही कुछ चूक का परिणाम आज हमें लगातार देखने को मिलता है,हमारी पुरानी सामाजिक व्यवस्था में संयुक्त परिवार एक अहम् कड़ी थी बहुमुखी विकास की जिसे हमारी कोताही ने मिटा कर रख दिया।
एकल परिवार के विचार को तुरंत अपना लिया गया किन्तु आज भी विधवा पुनर्विवाह,या तलाकशुदा कन्या से विवाह,दहेज़ विरोध जैसे विचार को अभी भी समाज में प्रश्रय नहीं मिला है।
उपरोक्त बिंदु सब के सब सामाजिक सुधार से जुड़े हैं और ये तभी संभव होगा जब आज का युवा,आने वाले कल का युवा और युगों युगों तक युवा सचेत होगा और परिवार को मनाकर या उनसे अलग विचार रखकर भी आगे आएगा और
इन अवधारणाओं को अपनाएगा उनपर आगे बढेगा और आने वाले युगों के युवाओं को प्रेरित कर जायेगा,क्योंकि यही सच है कि समाज में किसी भी तरह के सुधार का दायित्व युवा पर है,उसके निर्वहन की अपेक्षा और आकांक्षा भी युवाओं से ही है क्योंकि
एक स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण केवल और केवल युवा के ही हाथों है।