यौवनप्रभवं तमः निसर्गतः कीदृशं भवति? (यौवन से उत्पन्न होने वाला अंधेरा कैसा होता है।)
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यौवनप्रभवं तमः निसर्गतः अभानुभेद्यम्, अरत्नालोकच्छद्यम् अप्रदीपप्रभापनेयं अतिगहनं भवति।
(यौवन से उत्पन्न अंधेरा प्रकृति से ही सूर्य द्वारा अभेद्य, रत्नों के प्रकाश से अच्छेद तथा दीपक के प्रकाश से अच्छेद अत्यन्त गहरा होता है।)
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Answer:यौवनप्रभवं तमः निसर्गतः अभानुभेद्यम्, अरत्नालोकच्छद्यम् अप्रदीपप्रभापनेयं अतिगहनं भवति।
(यौवन से उत्पन्न अंधेरा प्रकृति से ही सूर्य द्वारा अभेद्य, रत्नों के प्रकाश से अच्छेद तथा दीपक के प्रकाश से अच्छेद अत्यन्त गहरा होता है।)
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