Hindi, asked by kharwarabhimanyu143, 10 months ago

yadi sagar na hota to​

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Answered by tanyaprasad1216
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नदियां न होती, तो सभ्यताएं न होती। बारिश न होती, तो मीठा पानी न होता। पोखर-झीलें न होती, तो भूजल के भंडार न होते। भूजल के भंडार न होते, तो हम बेपानी मरते। पानी के इन तमाम स्रोतों से हमारी जिंदगी का सरोकार बहुत गहरा है। यह हम सब जानते हैं; लेकिन यदि समुद्र न होते, तो क्या होता? इस प्रश्न का उत्तर तलाशें, तो हमें सहज ही पता चल जायेगा कि धरती के 70 प्रतिशत भूभाग पर फैली 97 प्रतिशत विशाल समुद्री जलराशि का हमारे लिए क्या मायने है? समुद्र के खारेपन का धरती पर फैले अनगिनत रंगों से क्या रिश्ता है? समुद्री पानी के ठंडा या गर्म होने हमें क्या फर्क पड़ता है? महासागरों में मौजूद 10 लाख से अधिक विविध जैव प्रजातियों का हमारी जिंदगी में क्या महत्व है? दरअसल,किसी न किसी बहाने इन प्रश्नों के जवाब महासागर खुद बताते हैं हर बरस। आइये, जानें !

सच यह है कि यदि समुद्र में इतनी विशाल जलराशि न होती, तो वैश्विक तापमान में वृद्धि की वर्तमान चुनौती अब तक हमारा गला सुखा चुकी होती। यदि महासागरों में जैव विविधता का विशाल भंडार न होता, तो पृथ्वी पर जीवन ही न होता। यदि समुद्र का पानी खारा न होता, तो गर्म प्रदेश और गर्म हो जाते और ठंडे प्रदेश और ज्यादा ठंडे। यदि समुद्र का पानी मीठा होता, तो मानसून बंगाल की खाड़ी से उठकर उत्तर भारत का रास्ता न पकड़ता। आइये! समझते हैं कि कैसे? दरअसल, यह महासागर की विशाल जलराशि ही है, जो सूर्य से आने वाली ऊष्मा का एक बड़ा हिस्सा अपने भीतर जज्ब कर लेती है।यह ऊष्मा समुद्र के पानी में तुलनात्मक अधिक गर्मी के रूप में मौजूद रहती है। इसका दूसरा भंडारण समुद्र के भीतर मौजूद द्वीपों के नीचे छिपे ज्वालामुखियों के रूप में होता है। ये ज्वालामुखी स्वच्छ भू-तापीय ऊर्जा के बड़े भंडार माने जाते हैं। जापान जैसे देश ऐसे भू-तापीय भंडारों का उपयोग बिजली बनाने में कर रहे हैं। भारत भी कर सकता है। ईधन तेलों के भंडार इन समुद्रों में होने की बात तो आप जानते ही हैं।

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