यहाँ माता−पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
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यहाँ माता−पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है, उसका वर्णन निम्न प्रकार से हैं :
प्रस्तुत पाठ में बच्चे के प्रति माता-पिता के वात्सल्य का सजीव वर्णन किया गया है। बच्चे का मां के आंचल में खेलना, मां द्वारा सुबह बच्चे को नहला धुला कर तथा कपड़े आदि पहनाकर खेलने भेजना, पूजा-पाठ आदि करके उसके माथे पर तिलक लगाना आदि का सजीव चित्रण हुआ है। बच्चे का अपने पिता की मूछों के साथ खेलने का अनूठा वर्णन हुआ है। पिता बच्चों को अपने कंधों पर झुला झुलाकर उनका मन बहलाता है; उनके साथ कुश्ती करता है। बच्चों का मन खुश करने हेतु हार जाता है , जिससे बच्चे खिलखिला कर हंस पड़ते हैं। मां बच्चों को तोता, मैना, कबूतर आदि के बनावटी नाम देकर उन्हें भोजन खिलाती है। बच्चों को थोड़ी सी चोट लगने पर माता-पिता दुखी हो जाते हैं। मां अपने बच्चे को अपने आंचल में छिपाकर उनसे प्यार करती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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