Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

“यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करुँगा।”- गांधी जी के इस क्थन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है।

Answers

Answered by Anonymous
79
उत्तर :
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\textbf{गांधीजी सिर्फ एक मार्गदर्शक नेता ही नहीं}\textbf{बल्कि सबको साथ लेकर चलने वाले और सभी के}\textbf{सुख - दुख में उनके साथ खड़े होने वाले महात्मा थे ।}\textbf{अंधेरी रात में गांधीजी को लगभग चार}\textbf{किलोमीटर पैदल दलदली जमीन पर चलना} \textbf{पड़ा । जब उनसे आग्रह किया गया कि वह} \textbf{कुछ देर कंधे पर बैठ जाए तो उन्होंने साफ मना}\textbf{कर दिया और कहा कि मैं आप सबके साथ पैदल} \textbf{ही चलूंगा । क्योंकि यह मेरी धर्मयात्रा है, इसे}\textbf{मैं चल कर ही पूरा करूंगा ।}

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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा l l
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Answered by nikitasingh79
164

उत्तर :

महिसागर नदी का क्षेत्र दलदल और कीचड़ से युक्त मिट्टी वाला था। इसमें लगभग 4 किलोमीटर पैदल चलना होता था। लोगों ने गांधी जी से कहा कि वह उन्हें कंधे पर उठाकर ले चलते हैं परंतु गांधी जी ने इसे धर्म यात्रा कहा और कहा कि वह खुद चलकर इसे पूरा करेंगे। उनकी इस कथन से उनके चरित्र का विशेषता का पता चलता है कि वह अंग्रेजों के खिलाफ अपने आंदोलन को धर्म की लड़ाई मानते थे। वह अपना हर काम स्वयं करना चाहते थे । वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते थे। वे अपने लक्ष्य की और खुद बढ़कर जाना चाहते थे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।

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