यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती, तो कवि से कैसे बातें करती?
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प्रशन :- यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती, तो कवि से कैसे बातें करती?
उत्तर :- चंपा एक गाँव की लड़की है । उसका स्वभाव नटखट, चंचल और शरारती है कभी-कभी वह शरारतवश खूब ऊधम मचाती है और कवि की कलम और कागज को चुराकर छिपा देती है । चंपा का स्वभाव मुखर और विद्रोही भी है। कवि के समझाने पर भी वह पढ़ना-लिखना नहीं चाहती और अपनी मन की बात को बिना छिपाए मुँह पर कह देती है ।
यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि की योग्यता का सम्मान करती । चंपा का बात को अभिव्यक्त करने का तरीका विनम्र और सम्मानपूर्ण होता । तब शायद उसकी बातों में विद्रोह के स्वर की अपेक्षा कवि के प्रति श्रध्दा होती ।
यदि चंपा पढ़ी लिखी होती तो कवि की योग्यता का सम्मान करती। चंपा का बात को अभिव्यक्त करने का तरीका विनम्र और सम्मान पूर्ण होता। तब शायद उसकी बातों में विद्रोह की अपेक्षा कवि के प्रति श्रद्धा होती। शायद उसकी बातों में उतनी सहजता ना होती, जितनी अभी है।