यदि स्किल इंडिया जैसा कोई कार्यक्रम होता तो क्या गूंगे को नया या सहानुभूति का पात्र बनना पड़ता
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¿ यदि स्किल इंडिया जैसा कोई कार्यक्रम होता तो क्या गूंगे को नया या सहानुभूति का पात्र बनना पड़ता ?
✎... यदि स्किल इंडिया जैसा कोई भी कार्यक्रम होता तो गूंगे को दया या सहानुभूति का पात्र कभी नहीं बनना पड़ता, क्योंकि स्किल इंडिया जैसा कोई भी कार्यक्रम होने पर गूंगे को वहां पर कई नई तरह की बातें सीखने का अवसर मिलता और उसके जैसे ही अन्य दिव्यांगों के साथ रहने का उसको अवसर मिलता। इससे वह विवाहित जीवन में रचने बसने की सीट और समझ लेता। कोई रोजगारोन्मुखी काम सीखकर वह अपने लिए रोजगार का प्रबंध कर सकता था, जिसके लिए उसे सरकारी सहायता भी प्राप्त होती।
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