Hindi, asked by priya146, 1 year ago

yuwa jiwan par notebandi ka asar

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Answered by rachanavyas
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8 नवम्बर २०१६ को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की| इसने समूचे देश को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया| युवावर्ग भी इससे अछूता नहीं रहा| युवा राष्ट्र की जीवनी शक्ति है| भावी में इन्हें ही देश की बागडोर संभालनी है| नोटबंदी का उद्देश्य कला धन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद व नस्लवाद पर लगाम कसना है| ये उद्देश्य कितना सफल होगा ये तो आगामी वक्त ही बतायेगा| युवावर्ग जिस तरह से सोशल मीडिया पर इसका पुरजोर समर्थन कर रहा है वैसे ही वास्तविकता में व्यक्तिगत रूप से स्वयं इसका पालन करें तो भारत वास्तव में काले धन से मुक्त हो सकता है| युवा महत्वाकांक्षी होते हैं| उन्होंने  अर्थ का अर्जन करना अपना प्रमुख ध्येय बना लिया है| ये अनुचित नहीं है| अनुचित है गलत साधनों द्वारा अमीर बनना| चाहे वो घूसखोरी हो या टैक्स चोरी या ख़ुफ़िया रूप में नकदी का लेनदेन| अत: ये कहना प्रासंगिक होगा कि जो युवा ईमानदार हैं और अपनी स्वच्छ छवि में ही जीवन जीना चाहते हैं; उनके लिए नोटबंदी एक सुनहरा अध्याय है वहीं दूसरी और जो युवा भ्रष्ट है और जिन्हें भौतिक जीवन जीने की आदत है नोटबंदी उनके लिए सिरदर्द है| इंटरनेट के उपयोग में, कार्ड द्वारा भुगतान में, नकदीरहित व्यवहार में सभी युवा पारंगत है अत: उन्हें नोटबंदी के दौरान वे समस्याएं नहीं हुई जो अधेड़ और वृद्ध लोगों को कंप्यूटर अशिक्षा की वजह से हुई| अत: संक्षेप में कहा जा सकता है कि नोटबंदी के सकरात्मक प्रभाव युवाओं पर देखने को मिले है| उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना समर्थन इसे दिया है और सफल भी बनाया है|
Answered by SAVIVERMA159
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युवा जीवन पर नोट बन्दि का बहुत अधिक असर हुआ है।
जो सकारात्म्क  भी था और नकारात्मक भी;

सकारात्म्क
1  युवाओं मे कैश रहित लेनदेन का प्र्चलन को बढावा मिला और अधिक से अधिक युवाओं ने इस का लाभ लिया।
2  अब युवाओं को जेब में अधिक कैश नहीं रखना पडता है।

नकारात्मक

1  बैंको में लगी लम्बी कत्तारों में बहुत समय नष्ट हुआ।
2   छोटे रोजगारों के प्र्भावित होने से बहुत से युवा बेरोजगार हुए।





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