1.नारियल के पेड़ का तना कैसा होता है ?
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Explanation:
नर्मदा कछार की उपजाऊ जमीन पर लम्हेटाघाट में नारियल का बागान तैयार हो रहा है। शहपुरा क्षेत्र के किसान अनिल कुमार पचौरी ने ६ महीने पहले १० एकड़ में नारियल की उन्नत ब्रीड की तीन किस्मों चनैया, गोदावरी गंगा और सिलोन के करीब एक हजार पौधे लगाए हैं। सभी पौधों की उम्र करीब तीन साल है। इनकी ग्रोथ शुरू हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार नारियल का पेड़ ७ साल में फू लने लगता है। अच्छी देखभाल करने पर तना जितना जल्दी मोटा होगा, उतनी जल्दी फल लगेंगे।
80 साल तक रहता है हरा-भरा
नारियल का पेड़ लगभग 80 साल तक हरा-भरा रहता है। इस फसल में एक बार निवेश करना होता है। इस पर सूखा, पाला, आंधी और गर्मी का कोई असर नहीं होता। इसका पानी कैंसर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। नारियल को फस्र्ट फ्लोर फसल कहा जाता है। खेत में १५-१५ फीट की दूरी पर पोधे लगाए गए हैं। बीच की खाली जगह (ग्राउंड फ्लोर) में फू ल गोभी, आलू, प्याज, भाजी, टमाटर की फसल उगाई जा रही है।
इससे सालभर आमदनी होगी।
कच्चे नारियल की खेती
वैज्ञानिकों के अनुसार नारियल के पेड़ हवा से पानी अवशोषित करते हैं। जलवायु अनुकूल होने के कारण यहां कच्चे नारियल का उत्पादन अच्छा होगा। नारियल को पकने के लिए ४८ डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए, जो यहां नहीं मिलेगा। इसलिए किसान ने कच्चे नारियल की फसल लेने का निर्णय किया है।
एेसे लगाई फसल
नारियल के पौधों को लगाने के लिए २ फीट बाय चार फीट के गड्ढे खोदे गए। इनमें ५० किलो कम्पोस्ट खाद डालकर पौधे लगाए गए। सिंचाई के अतिरिक्त किसी अन्य उपचार की आवश्यकता नहीं होती। खेत में दो सोलर पम्प लगे हैं।
एेसे आया आइडिया
अनिल ने बताया कि आंध्रप्रदेश और केरल की यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि वहां के किसान आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं। वे नारियल की फसल के साथ उसके सह उत्पाद भी बनाते हैं। ग्राउंड फ्लोर पर भी खेती करते हैं। किसानों के पास लग्जरी कार, बहुमंजिला भवन भी हैं। इन सबसे प्रभावित होकर उन्होंने नारियल की खेती करने का निर्णय किया। उन्होंने दोनों राज्यों में नारियल के किसानों के बीच समय बिताया। खेती की बारीकियां सीखी। वैज्ञानिकों से जबलपुर की मृदा का अध्ययन कराया। क्लाइमेट अनुकूल होने की जानकारी पुख्ता होने पर बाजार का अध्ययन किया।
५० लाख रुपए होगी सालाना आय
अनिल ने बताया, नागपुर कच्चे नारियल की मुख्य मंडी है। यहां से नारियल देश के कई हिस्सों में भेजा जाता है। गर्मी के दिनों में कच्चा नारियल थोक में २७ से ३० रुपए नग बिकता है। बरसात में इसकी कीमत २० रुपए तक होती है। एक पेड़ में साल में ३५०-४०० नारियल लगते हैं। अनिल के अनुसार नारियल की फसल से सालाना ५० लाख रुपए तक की आय हो सकती है। इसके पत्तों से झाड़ू भी बनती है।
Answer:
नारियल एक बहुवर्षी एवं एकबीजपत्री पौधा है। इसका तना लम्बा तथा शाखा रहित होता है। मुख्य तने के ऊपरी सिरे पर लम्बी पत्तियों का मुकुट होता है। ये वृक्ष समुद्र के किनारे या नमकीन जगह पर पाये जाते हैं। इसके फल हिन्दु | हिन्दुओं के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त होता है। बांग्ला में इसे नारिकेल कहते हैं। नारियल के वृक्ष भारत में प्रमुख रूप से केरल,पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में खूब उगते हैं। महाराष्ट्र में मुंबई तथा तटीय क्षेत्रों व गोआ में भी इसकी उपज होती है। नारियल एक बेहद उपयोगी फल है। नारियल देर से पचने वाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलवर्धक, रक्तविकार नाशक, दाहशामक तथा वात-पित्त नाशक है। नारियल के पत्तो का उपयोग हम छाते के लिए कर सकते है ꫰
नारियल (कोकोस न्यूसीफेरा)
निरुक्त
औषधीय गुण
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
Last edited 12 days ago by रोहित साव27
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