Physics, asked by jububujujulaila6815, 10 months ago

(a) लम्बवत् अक्षों के प्रमेय की उपपत्ति करें। (संकेत: (x.y) तल के लम्बवत् मूल बिन्दु से गुजरती अक्ष से किसी बिन्दु x-y की दूरी का वर्ग x^{2} + y^{2}) है।
(b) समांतर अक्षों के प्रमेय की उपपत्ति करें (संकेत : यदि द्रव्यमान केन्द्र को मूल बिन्दु ले लिया जाय तो \Sigma m_{i} r_{i} = 0 )

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Answered by Anonymous
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Answered by kaashifhaider
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लम्बवत् अक्षों के प्रमेय की उपपत्ति।

Explanation:

माना एक पट्टिका जो m द्रव्यमान के छोटे छोटे कणों से बनी है , माना सभी कण xy ताल पर हैं।  

जड़ता का  आघूर्ण OZ अक्ष पर I  = mr²

यदि  z अक्ष पर आघूर्ण है =  Iz

Iz = ∑mr²=∑m(x² + y²) =∑mx² +∑my²  ------- 1

इसी प्रकार  Ix और  Iy , x और y अक्ष के सापेक्ष आघूर्ण होंगें।

 Ix =∑my²

 Iy = ∑mx²

Ix + Iy = ∑my² +∑mx² ---------------2

 समीकरणों को हल करने पर

Iz = Ix +Iy

यदि किसी पिण्ड का सम्पूर्ण द्रव्यमान केवल किसी एक समतल में स्थित हो तथा इस समतल में स्थित किन्ही दो परस्पर लम्बवत अक्षों के परित: उस पिण्ड का जड़त्वाघूर्ण ज्ञात हो तो इस प्रमेय का उपयोग करके इस समतल के लम्बवत किसी अक्ष के परित: उस पिण्ड का जड़त्वाघूर्ण निकाला जा सकता है।

I = Ic + mh²

Ic = जड़त्वाघूर्ण cg के अक्ष के प्रति

I= जड़त्वाघूर्ण cg के समान्तर

M = कुल द्रव्यमान n कानों के द्वारा =∑mi

माना कोई कण  P , ri दूरी पर  LL' अक्ष से है और  CG से गुज़र रहा है।

zz' अक्ष  से दूरी  = OP = OC + CP = h + r1 

Ic = पूरे द्रव्यमान का जड़त्वाघूर्ण  LL' अक्ष के प्रति

इसलिए  Ic = ∑miri²

अगर Ii जड़त्वाघूर्ण है  ZZ' अक्ष के प्रति।

Ii = mi(op)²

 I  = ∑Ii  =∑mi(ri + h)² =∑miri² + ∑mih²+2h∑miri  = Ic + Mh² + 0 = Ic + Mh²

जड़त्व का सूत्र क्या है ?

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