स्पष्ट कीजिए कि चित्र 7.41 में अंकित दिशा में चक्रिका की लोटनिक गति के लिए घर्षण होना आवश्यक
क्यों है ? (a) B पर घर्षण बल की दिशा तथा परिशुद्ध लुढ़कन आरंभ होने से पूर्व घर्षणी बल आघूर्ण की दिशा क्या है ?
(b) परिशुद्ध लोटनिक गति आरंभ होने के पश्चात् घर्षण बल क्या है ?
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अंकित दिशा में चक्रिका की लोटनिक गति के लिए घर्षण होना आवश्यक निन्म वजहों से आवश्यक है।
Explanation:
(A) बिंदु बी पर रैखिक वेग की दिशा के विपरीत घर्षण बल कार्य करता है बिंदु B पर वेग की स्पर्शरेखा से बाईं ओर है इसलिए घर्षण बल मूर्त रूप से दाहिनी ओर कार्य करेगा। B पर घर्षण बल की दिशा तथा परिशुद्ध लुढ़कन आरंभ होने से पूर्व घर्षणी बल आघूर्ण की दिशा चक्र की सतह के बाहर की और लंबवत दिशा में है।
(B ) परिशुद्ध लोटनिक गति आरंभ होने के पश्चात् घर्षण बल शून्य है चूंकि घर्षण बल बिंदु B पर वेग की दिशा के विपरीत काम करता हैपरिशुद्ध लोटनिक गति तब शुरू होगी जब उस बिंदु पर वेग शून्य के बराबर हो जाएगा।
घर्षण बल से लाभदायक तथ्य एवं हानिकारक तथ्य ?
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