कोई व्यक्ति एक घूमते हुए प्लेटफार्म पर खड़ा है। उसने अपनी दोनों बाहें फैला रखी हैं और उनमें से प्रत्येक में 5 kg भार पकड़ रखा है। प्लेटफार्म का कोणीय चाल 30 rev/min है। फिर वह व्यक्ति बाहों को अपने शरीर के पास ले आता है जिससे घूर्णन अक्ष से प्रत्येक भार की दूरी 90 cm से बदल कर 20 cm हो जाती है। प्लेटफार्म सहित व्यक्ति के जड़त्व आघूर्ण का मान, 7.6 kg ले सकते हैं।
(a) उसका नया कोणीय वेग क्या है? (घर्षण की उपेक्षा कीजिए)
(b) क्या इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा संरक्षित होती है? यदि नहीं, तो इसमें परिवर्तन का स्रोत क्या है?
Answers
Answer:
please convert it into English ..
नया कोणीय वेग 58.88 rpm है और इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा का संरक्षण नहीं किया जाता है।
Explanation:
कोणीय गति के संरक्षण के कानून के अनुसार, "जब सिस्टम पर कुल बाहरी घूर्णन बल शून्य है। तब कोणीय गति संरक्षित रहती है।
प्रत्येक भार का द्रव्यमान m= 5kg
प्रारंभिक कोणीय गति w1 = 30rpm
r1 = 90 cm = 0.9 m
r2 = 20cm = 0.2 m
आदमी और मंच का जड़त्व आघूर्ण = 7.6 7.6 kgm²
दिए गए दो भारों का जडत्व आघूर्ण I1 = mr1² + mr1²
= 2mr1²
= 2× 5 × (0.9)² = 8.1 kgm² .
(a ) दिए गए दो भारों का जडत्व आघूर्ण जब आदमी बाहें सिकोड़ लेता है।
(I2) = mr2² + mr2²= 2mr2² = 2×5 × (0.2)² = 0.4 kgm²
कोनिये वेग संरक्षण के सिद्धांत से।
I'1w1 = I'2w2
(I + I1)w1 = (I+I2)w2
(7.6+ 8.1)×30 = (7.6+0.4)×w2
w2 = 15.7×30/8 = 58.88 rpm
(b )इसी प्रकार से -
I'1w1 = I'2w2
I'1²w1² = I'2²w2²
1/2×I'1(I'w1²) = 1/2×I'2(I'2w²)
1/2×I'1w1²/1/2×I'2w2² = I2/I1
KE1/KE2 = I2/I1
निष्कर्ष -
I'1 > I'2
I1/I2 > 1
KE1/KE2 <1
इसलिए, इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा का संरक्षण नहीं किया जाता है इसमें परिवर्तन का स्रोत मनुष्य द्वारा बाँहों को सिकोड़ लेने से उत्पन्न ऊर्जा है।
गतिज ऊर्जा 16 गुना कर दिया जाए तो संवेग क्या होगा ?
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