आकृति पूर्णा करो
ऐसी वाणी बोलनी है जैसे.
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aisi vaani bolni chahiye jaise man ka aapa khoy
please mark me as brainliest
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कबीर दास अपने दोहे के माध्यम से यह कहना चाहते हैं। कि आप समाज में जिस तरह से व्यवहार करेंगे समाज में उसी तरह से आपको वापस भी करेगी। यदि आप समाज के लोगों की मदद करते हैं तो समाज भी आपको बुरे वक्त में मदद करेगा। परंतु यादी सामाजिकता खत्म हो जाए और व्यक्ति मदद की भावना को भूल जाता है तो उसके बदले में उसे समाज की ओर से किसी भी तरह से मदद की प्राप्ति नहीं होगी। कबीर दास का कहने का तात्पर्य की व्यक्ति को अपनी मीठी वाणी और सत्कर्म के द्वारा दूसरों का उद्धार करना चाहिए ताकि समय आने पर जब आप कष्ट में हो तो समाज भी आपको सहयोग प्रदान करें।
वैज्ञानिक दृष्टि में भी यही कहा है:-
Action=Reaction
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