Hindi, asked by sharad4829, 11 months ago

अन्नदाता किसान पर अनुछेद ​

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Answered by MayankYadav1212
8

Answer:

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त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है किसान । वह जीवन भर मिट्‌टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता है । तपती धूप, कड़ाके की ठंड तथा मूसलाधार बारिश भी उसकी इस साधना को तोड़ नहीं पाते । हमारे देश की लगभग सत्तर प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में निवास करती है । जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है ।

एक कहावत है कि भारत की आत्मा किसान है जो गांवों में निवास करते हैं । किसान हमें खाद्यान्न देने के अलावा भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भी सहेज कर रखे हुए हैं । यही कारण है कि शहरों की अपेक्षा गांवों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता अधिक देखने को मिलती है । किसान की कृषि ही शक्ति है और यही उसकी भक्ति है ।

वर्तमान संदर्भ में हमारे देश में किसान आधुनिक विष्णु है । वह देशभर को अन्न, फल, साग, सब्जी आदि दे रहा है लेकिन बदले में उसे उसका पारिश्रमिक तक नहीं मिल पा रहा है । प्राचीन काल से लेकर अब तक किसान का जीवन अभावों में ही गुजरा है । किसान मेहनती होने के साथ-साथ सादा जीवन व्यतीत करने वाला होता है ।

समय अभाव के कारण उसकी आवश्यकतायें भी बहुत सीमित होती हैं । उसकी सबसे बड़ी आवश्यकता पानी है । यदि समय पर वर्षा नहीं होती है तो किसान उदास हो जाता है । इनकी दिनचर्या रोजाना एक सी ही रहती है । किसान ब्रह्ममुहूर्त में सजग प्रहरी की भांति जग उठता है । वह घर में नहीं सोकर वहां सोता है जहां उसका पशुधन होता है ।

उठते ही पशुधन की सेवा, इसके पश्चात अपनी कर्मभूमि खेत की ओर उसके पैर खुद-ब-खुद उठ जाते हैं । उसका स्नान, भोजन तथा विश्राम आदि जो कुछ भी होता है वह एकान्त वनस्थली में होता है । वह दिनभर कठोर परिश्रम करता है । स्नान भोजन आदि अक्सर वह खेतों पर ही करता है । सांझ ढलते समय वह कंधे पर हल रख बैलों को हांकता हुआ घर लौटता है ।

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MayankYadav1212: bhai brainliest kar do
sharad4829: anndata par hi he anuchade Jai na
Answered by anglegirlamisha1225
7

Hey mate here is your answer!!

अन्न पैदा कर किसान सभी वर्गो की सेवा कर रहा है । सीमाओ पर सजग प्रहरी सेना के लिए अनाज देने वाला किसान ही है । बड़े-बड़े कल-कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन करने वालों को अन्न देने वाला किसान ही है ।

किसान समाज की रीढ़ की हड्‌डी है । भारतवर्ष प्राचीन काल से कृषि प्रधान देश रहा है, इसलिए भारत की समग्र अर्थव्यवस्था किसान पर निर्भर है । भारत का किसान विश्व मे सबसे अधिक परिश्रमी माना जाता है ।

भारतीय किसान का अभाव-ग्रस्त जीवन:

भारतीय किसान छल, प्रपच भेद-भाव से नितान्त दूर सीधा-सादा जीवनयापन करता है । भारतीय किसान शिक्षित नही होता है ! अपने परम्परागत तरीको द्वारा अन्न पैदा करता है । सबके लिए अन्न पैदा करने वाले किसान का सारा जीवन अभाव-ग्रस्त रहता है ।

सबको भोजन खिलाने वाला किसान स्वयं भूखा रहता है । एक वस्त्र, नंगे बदन अभावों से घिरा भारतीय किसान फिर भी प्रसन्न रहता है । आज भी भारतीय किसान के लिए पक्के घर नही है । कच्चे मकानो में जानवरों के साथ रहकर वह खुश है । अशिक्षा, अंध विश्वास, धर्म भीरूता व रूढ़ियों से किसान की हालत बिगड़ती जाती है ।

शादियों में, जन्म-मृत्यु में, अन्य धार्मिक अनुष्ठानो में शक्ति से अधिक व्यय कर भारतीय किसान अपने को सदा-सदा के लिये दरिद्रता के जाल में फसा लेता है । इस विषम जाल से ऊपर उठने के लिये उसकी पीढ़ियों गुजर जाती है फिर भी कर्ज से दबा हुआ किसान कभी उठ नही पाता है ।

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anglegirlamisha1225: Mark me as brainliest
anglegirlamisha1225: plzz
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