Hindi, asked by TonyBen4025, 7 months ago

अपने पड़ोस में रहने वाले शिल्पकारों से बातचीत कर एक लघु ‘ मौखिक इतिहास ‘ लिखें की किस प्रकार शिल्प का विकास हुआ I शिल्प वस्तुओं द्वारा समसामयिक आवश्यकताओं को किस प्रकार पूरा करने में समर्थ हुआ, इसका वर्णन करें I

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Answered by dcharan1150
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अपने पड़ोस में रहने वाले शिल्पकारों से बातचीत कर एक लघु ‘ मौखिक इतिहास ‘ लिखें की किस प्रकार शिल्प का विकास हुआ I शिल्प वस्तुओं द्वारा समसामयिक आवश्यकताओं को किस प्रकार पूरा करने में समर्थ हुआ, इसका वर्णन करें I

Explanation:

उत्तर :- भारतीय हस्तशिल्प का इतिहास बहुत ही प्राचीन हैं। इसलिए मैंने जा कर मेरे पड़ोस में रहने वाले काका से इसके बारे में पूछा, जो की काफी समय से मिट्टी के वर्तन बनाने के काम में नियुक्त हैं।

उन्होंने कहाँ की उनके दादा, पर दादा और उनके पिताजी कई पीढ़िओं से मिट्टी के वर्तन बनाने काम करते आएं हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा की, वह लोग पहले खेती भी करते थे और खेती का काम करने के बाद जो समय बच जाता था, उस समय में वह लोग मिट्टी के वर्तन बनाते थे। ऐसे में उन्हें खेती के अलावा भी एक नया आय का स्रोत मिल जाता था और समय के साथ ही साथ यह उनका पेशा भी बन गया।

शिल्प वस्तुओं की मांग प्राचीन समय में काफी ज्यादा थी। मूल रूप उच्च जाती के लोग हस्तशिल्प के वस्तुओं के दीवाने थे। इसलिए उनके द्वारा उत्पन्न मांग को पूरा करने के लिए कई शिल्पकार समय-समय में दूसरे छोटे-छोटे शिल्पकारों तथा मजदूरों को काम में लगा कर नए-नए वस्तु निर्मित करते थे। इसी वजह से प्राचीन समय में “यजमान” प्रणाली का भी सूत्र-पात हुआ था।

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