अपने स्थानीय फल विक्रेता के पास जाएँ और उससे पूछे कि वे फल जो वह बेचता है कहाँ से आते हैं, और उनका मूल्य क्या है। पता लगाइए कि भारत के बाहर से फलों के आयात (जैसेकि आस्ट्रेलिया से सेव) के बाद स्थानीय उत्पाद के मूल्यों का क्या हुआ। क्या कोई ऐसा आयातित फल है जो भारतीय फलों से सस्ता है?
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Answer: तब देख बहारें जाड़े की : कराची (समुद्रतटीय नगर) में सर्दी उतनी ही पड़ती है जितनी मरी (पाकिस्तान का हिल स्टेशन) में गर्मी। इससे मरी के निवासियों का दिल दुखाना नहीं, बल्कि नगरों की दुल्हन कराची का दिल बढ़ाना उद्देश्य है। कभी-कभार सुंदर शहर का तापमान शरीर के नार्मल तापमान से यानी 98.4 से दो-तीन डिग्री नीचे फिसल जाए तो शहर की सुंदरियाँ लिहाफ ओढ़कर एयरकंडीशनर तेज कर देती हैं। आत्मलीन सौंदर्य जब 43 नंबर में सामने वाली सामग्री को 34 नंबर के स्वेटर में प्रकट करके शीशा देखता है तो शर्म की लाली गालों में दौड़ जाती है जिसे जाड़े के मौसम का असर माना जाता है और इसे कराची के मौसम विभाग की भाषा में कोल्ड वेव कहते हैं। यह खूबी सिर्फ कराची के पल-पल बदलने वाले मौसम में देखी कि घर से जो भी कपड़े पहन कर निकलो, दो घंटे बाद गलत मालूम होते हैं। लोग जब अखबार में लाहौर और रावलपिंडी की कठोर सर्दी की खबरें पढ़ते हैं तो उससे बचाव के लिए बालू की भुनी मूँगफली और गजक के फुँके मारते हैं। उनके बच्चे भी उन्हीं पर पड़े हैं। उत्तर पश्मिी हवाओं के बचने के लिए ऊनी कंटोप पहनकर आइस्क्रीम खाते हैं और बड़ों के सामने बत्तीसी बजाते हैं। नया आने वाला हैरान होता है कि अगर ये जाड़ा है तो अल्लाह जाने गर्मी कैसी होगी।
बीस साल सर्दी-गर्मी झेलने के बाद हमें अब मालूम हुआ कि कराची के जाड़े और गर्मी में तो इतना स्पष्ट फर्क है कि बच्चा भी बता सकता है। 90 डिग्री टैम्प्रेचर अगर मई में हो तो यह गर्मी के मौसम का प्रतीक है, अगर दिसंबर में हो तो जाहिर है जाड़ा पड़ रहा है। अलबत्ता जुलाई में 90 डिग्री टैम्प्रेचर हो और शाम को गरज-चमक के साथ बीबी बरस पड़े तो बरसात का मौसम कहलाता है। शायद... क्या निश्चित रूप से ऐसे ही किसी कम गर्म गुनगुने कराचवी जाड़े से उकता कर नजीर अकबराबादी ने तमन्ना की थी।
Explanation:
फल विक्रेता के पास जा कर फलों के विषय पर चर्चा ।
Explanation:
उत्तर - मैंने हाल ही में एक पास के फल के दुकान में जा कर वहाँ पर मौजूद फलों के बारे में पूछा तो पता चला की, वहाँ पर मौजूद ज़्यादातर फल बाहर से आते हैं। और पूछने से पता चला की यह फल हिमाचल और उत्तरी भारत के राज्यों से आते हैं।
वैसे मैंने ग्रीन एपल के बारे में भी पूछा; जिसके संदर्भ में दुकानदार ने कहा की, यह अमेरिका से आता हैं। इसके अलावा कीवी, खजूर, चेरी, बेरिस और बहुत प्रकार के अन्य फलों को भी मध्य-पूर्व तथा पश्चिमी देशों से मंगाया जाता हैं। वैसे बाहरी देशों से आयात के चलते इन फलों की कीमतों में बहुत ही ज्यादा बढ़ौत्रि दिखाई पड़ती हैं। दुकानदार का कहना था की, बाहरी इलाकों में सेव जहां प्रति किलो 40 रूपय में मिलता हैं वह यहाँ पर 80 रूपय में बेची जाती हैं।