अपवर्तनांक 1.55 के काँच से दोनों फलकों को समान वक्रता क्रिया के उभयोत्तल लेंस निर्मित करने हैं। यदि 20 cm फ़ोकस दूरी के लेंस निर्मित करने हैं तो अपेक्षित वक्रता त्रिज्या क्या होगी?
Answers
किसी भी माध्यम (जैसे कि पानी, हवा, कांच, आदि) का अपवर्तक सूचकांक वह संख्या है जो बताता है कि उस माध्यम में विद्युत चुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की गति किसी भी अन्य माध्यम से कितनी गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश की बात करें तो सोडा-लाइम ग्लास का अपवर्तक सूचकांक लगभग 1.5 है, जिसका अर्थ है कि ग्लास में प्रकाश की गति निर्वात में प्रकाश की गति से 1.5 गुना कम हो जाती है अर्थात (1 / 1.5 = 2/3)। जब प्रकाश एक माध्यम से माध्यम में प्रवेश करता है, तो प्रकाश की किरण पृथक्करण के दोनों साधनों के अपवर्तक सूचकांक के मामले में अपने पथ में बदल जाती है। यह किस तरफ मुड़ जाएगा - किस माध्यम के आधार पर अपवर्तक सूचकांक कम है और कौन सा अधिक है। यह टर्न स्नेल का नियम (स्नेल का नियम) है�, which kind of is quite significant.
उत्तर-
यहां पर दिया है कि....
n = 1.55
लेंस की फोकस दूरी f = +20 सेमी
माना लेते हैं कि वक्रता त्रिज्या है R
तो...
उत्तल लेंस के लिये....
R₁ = +R व R₂ = -R
∴ 1/f = (n-1) (1/R₁+1/R₂) सूत्र से ज्ञात करते हैं...
∴ 1/20 = 0.55 (1/R+1/R) = 0.55 × 2/R
⇒ R = 2 × 0.55 × 20 = 22 cm
इस प्रकार प्रत्येक पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 22 सेमी होगी।