बौद्ध धर्म में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है?
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बौद्ध धर्म में अंतिम संस्कार में मृतक के पार्थिव देह को खुल्लेमे छोड़ दिया जाता है जिससे जरूरतमंद पशु पक्षिओ को खोराक मिल पाए | यह जीवदया की भावना से प्रेरित है, क्योंकि बौद्ध धर्म हंमेशा से ही दयाभावना से प्रेरित रहा है और इस प्रकार के अंतिम संस्कार में मृतक के पार्थिव देह का भी इस तरह से उपयोग होता है की कोई भी पशु पक्षि जो भूख से तड़प रहा हो उसकी क्षुधा शांत हो पाए |
बौद्ध धर्म में अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार का अर्थ है मनुष्य की अंतिम यात्रा।अंतिम संस्कार युगों से चलता आ रहा है
अंतिम संस्कार दो प्रकार के होते हैं :-
1.दाह संस्कार
2.दफनाना
बौद्ध धर्म में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया दोनों प्रकार की होती है I बौद्ध धर्म में दाह संस्कार और दफनाना दोनों होते है I लेकिन जलाने की परम्परा अधिक होती है । बौद्ध धर्म में शव के साथ श्मशान में महिलाओं को भी जाने की अनुमति होती है I