Hindi, asked by jyoti128, 1 year ago

बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता पढ़कर क्या आपको पृथ्वी के दुख के प्रति संवेदनशील जगी पृथ्वी के दुख के निवारण के लिए आप क्या उपाय करेंगे

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Answered by Anonymous
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Dharti kewal ek zameen hi nhi apitu hamari dharti mata hai jo humein hamari zarurat ki her cheez pradaan karti. hai.Prithvi ka pradooahan ke karan bura haal hai..Yadi hum sab dharti ko harabhara rakhein to dharti bhi khush re paayegi.Isiliye hum sabko badhte pradooahan ke prati sachet rehana chahiye.

Answered by Geekydude121
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पृथ्वी एक मात्र एकेली ऐसी ग्रह है जहां पर पानी है एवं मनुष्यों का निवास है। धरती का ख्याल रखने के लिए ईश्वर ने मनुष्यों को बनाया है उन्हें जुबा दिया है बोलने के लिए, दिमाग दिया है सोचने के लिए, हाथ दिया है अच्छे कर्म के लिए। परंतु आज हम मनुष्य ही अपने पृथ्वी के भक्षक बने हुए है। रहने की जगह नहीं हो रही तो पेड़ काट दे रहे है, संसाधनों का ज़रुरत से ज्यादा प्रयोग कर रहे है।
कही न कही हम ही जिम्मेदार है हमारे पृथ्वी के क्योंकि हम हमारे पृथ्वी का ख्याल नहीं रख रहे हैं। जिस तरह हमें जन्म देने वाली मां हमारे लिए सब कुछ होती है उसी तरह हम जिनके ऊपर पैर रखकर चलते है यानि हमारी पृथ्वी उसका भी ख्याल हम सबको मां की तरह रखना चाहिए।

attackinghanman: good answer
attackinghanman: thank you for your help
attackinghanman: Thanks man you were very helpfull to me
Geekydude121: its an honour for us.we are always for u people
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