bache kam par ja rahe hai ki summary batao
Answers
Answered by
26
कविता का प्रतिपाद्य
प्रस्तुत कविता श्री राजेश जोशी जी द्वारा रची गई है। इस कविता का प्रतिपाद्य बाल मज़दूरी तथा बाल श्रम है। कवि ने बाल मज़दूरी के कारण बच्चों से उनका बचपन छिन जाने की पीड़ा को जताने का प्रयास किया है। कवि यहाँ उन सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों की ओर हम सबका ध्यान आकषिर्त कराना चाहते हैं जिनके कारण बच्चे अपना बचपन खो देते हैं। उनकी शिक्षा नहीं हो पाती तथा वे बाल मज़दूरी करने पर विवश हो जाते हैं।
कवि बताना चाहते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को मशदूरी करनी पड़ती है। उन्हें सर्दी के समय में सवेरे कोहरे में ही काम पर जाना पड़ता है। उनके सामने कौन.सी समस्या है? केवल इतना सोचना और कहना ही पर्याप्त नहीं है। न ही कोई भयंकर बात है। बस सोचना यह है कि बच्चे काम पर क्यों जाते हैंघ् किंतु इस प्रश्न का उत्तर भी समाज के पास नहीं है। बहुत बुरी बात है कि बच्चों को खेलने.खाने तथा मौश.मस्ती के समय मशदूरी करनी पड़ती है। कवि पूछते हैं उिनके हाथों के खिलौने किसने छीन लिएघ् क्या उनकी रंग-बिरंगी किताबें काले पहाड़ के नीचे दब गई हैंद्य उनके लिए बना मदरसा क्या किसी भूकंप में ढह गया? जो वे पढ़ने नहीं जातेघ् क्या खेलने के स्थानए बाग.बगीचे, आँगन आदि सभी खत्म हो गएद्य जो उन्हें खेलने को नहीं मिलता। नहींए ऐसा वुफछ नहीं है। सब वुफछ मौजूद हैए किंतु फिर भी अनेक बच्चे सड़कों पर मज़दूरी करने जाते हैं। यही आश्चर्य है। यही विडंबना है। कवि कहना चाहते हैं कि सभी लोग मिलकर ऐसा कुछ महान कार्य करें जिससे गरीब बच्चे भी पढ़-लिख सकें ताकि उनका भविष्य सुधरे और वे भी खुश हों।
प्रस्तुत कविता श्री राजेश जोशी जी द्वारा रची गई है। इस कविता का प्रतिपाद्य बाल मज़दूरी तथा बाल श्रम है। कवि ने बाल मज़दूरी के कारण बच्चों से उनका बचपन छिन जाने की पीड़ा को जताने का प्रयास किया है। कवि यहाँ उन सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों की ओर हम सबका ध्यान आकषिर्त कराना चाहते हैं जिनके कारण बच्चे अपना बचपन खो देते हैं। उनकी शिक्षा नहीं हो पाती तथा वे बाल मज़दूरी करने पर विवश हो जाते हैं।
कवि बताना चाहते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को मशदूरी करनी पड़ती है। उन्हें सर्दी के समय में सवेरे कोहरे में ही काम पर जाना पड़ता है। उनके सामने कौन.सी समस्या है? केवल इतना सोचना और कहना ही पर्याप्त नहीं है। न ही कोई भयंकर बात है। बस सोचना यह है कि बच्चे काम पर क्यों जाते हैंघ् किंतु इस प्रश्न का उत्तर भी समाज के पास नहीं है। बहुत बुरी बात है कि बच्चों को खेलने.खाने तथा मौश.मस्ती के समय मशदूरी करनी पड़ती है। कवि पूछते हैं उिनके हाथों के खिलौने किसने छीन लिएघ् क्या उनकी रंग-बिरंगी किताबें काले पहाड़ के नीचे दब गई हैंद्य उनके लिए बना मदरसा क्या किसी भूकंप में ढह गया? जो वे पढ़ने नहीं जातेघ् क्या खेलने के स्थानए बाग.बगीचे, आँगन आदि सभी खत्म हो गएद्य जो उन्हें खेलने को नहीं मिलता। नहींए ऐसा वुफछ नहीं है। सब वुफछ मौजूद हैए किंतु फिर भी अनेक बच्चे सड़कों पर मज़दूरी करने जाते हैं। यही आश्चर्य है। यही विडंबना है। कवि कहना चाहते हैं कि सभी लोग मिलकर ऐसा कुछ महान कार्य करें जिससे गरीब बच्चे भी पढ़-लिख सकें ताकि उनका भविष्य सुधरे और वे भी खुश हों।
Similar questions