भारत में कौन-कौन से राज्य जनसंख्या संवृद्धि के ‘प्रतिस्थापन स्तरों' को प्राप्त कर चुके हैं अथवा प्राप्ति के बहुत नजदीक हैं? कौन-से राज्यों में अब भी जनसंख्या संवृद्धि की दरें बहुत ऊँची हैं? आपकी राय में इन क्षेत्रीय अंतरों के क्या कारण हो सकते हैं?
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Answer:
up,Maharashtra,Bihar. RJ ,mp,up
Explanation:
the population growth is high
जनसंख्या संवृद्धि दर का तात्पर्य
जनसंख्या संवृद्धि दर का तात्पर्य जन्म दर और मृत्यु दर के बीच का अंतर होता है। जब यह अंतर शून्य होता है तब हम यह कहते हैं कि जनसंख्या ' स्थिर ' हो गई है या वह 'प्रतिस्थापन स्तर'’ पर पहुंच गई है । यह एक ऐसी अवस्था होती है जब जितने बूढ़े लोग मरते हैं तथा उनका खाली स्थान भरने के लिए उतने ही नए बच्चे पैदा हो जाते हैं । कभी - कभी कुछ समाजों को ऋणात्मक संवृद्धि दर की स्थिति से भी गुजरना होता है अर्थात् उनका प्रजनन शक्ति स्तर प्रतिस्थापन दर से नीचा रहता है । प्रतिस्थापन स्तर से आराम यह भी है कि दो बच्चों के जन्म के साथ ही प्रतिस्थापन स्तर पूरा हो जाता है ।
विभिन्न क्षेत्रों में प्रजनन दरें अलग - अलग होती हैं उसी प्रकार आयु संरचना में भी अधिक क्षेत्रीय अंतर पाए जाते हैं ।
प्रतिस्थापन स्तर को प्राप्त करने वाले राज्य - तमिलनाडु, केरल, गोआ, नागालैंड, जम्मू और कश्मीर तथा पंजाब आदि हैं ।
निकटतम प्रतिस्थापन स्तर को प्राप्त करने वाले राज्य - उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम तथा पश्चिम बंगाल आदि हैं ।
तीव्र जनसंख्या वृद्धि वाले राज्य - उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि है ।
इन क्षेत्रीय अंतरों के कारण -
- सभी परदेशों की सामाजिक परिस्थितियाँ अलग - अलग हैं । आतंकवाद , युद्ध जैसी स्थिति जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तर - पूर्वी राज्यों में विद्यमान है ।
- विभिन्न राज्यों में सामाजिक - आर्थिक परिस्थितियों में विभिन्नता है ।
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक लोग उत्तर प्रदेश, बिहार तथा उड़ीसा में है।
- सामाजिक - सांस्कृतिक संस्कार - लोगों का विश्वास है कि अधिक बच्चों का मतलब आपके उपार्जन के लिए अच्छा होता है ।
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Q.1.- भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के लिए कौन कौन से कारण उत्तरदाई है ?
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