Bharat Mein Jeevan Ka mahatva Ke Upar nibandh
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मानव जीवन का महत्व
मनुष्यदेह में आने के बाद अन्य गतियों में जैसे कि देव, तिर्यंच अथवा नर्क में जाकर आने के बाद फिर से मनुष्य देह प्राप्त होता है। और भटकन का अंत भी मनुष्य देह में से ही मिलता है। यह मनुष्यदेह जो सार्थक करने आया तो मोक्ष की प्राप्ति हो सके ऐसा है और नहीं आए तो भटकने का साधन बढ़ा दे, वैसा भी है! दूसरी गतियों में केवल छूटता है। इसमें दोनों ही हैं। छूटता है और साथ साथ बंधता भी है। इसलिए दुर्लभ मनुष्यदेह प्राप्त हुआ है, तो उससे अपना काम निकाल लो। अनंत अवतार आत्मा ने देह के लिए बिताए। एक अवतार यदि देह आत्मा के लिए निकाले तो काम ही हो जाएगा!
मनुष्यदेह में ही यदि ज्ञानी पुरुष मिलें तो मोक्ष का उपाय हो जाए। देवता भी मनुष्यदेह के लिए तरसते हैं। ज्ञानी पुरुष से भेंट होने पर, तार जुड़ने पर, अनंत जन्मों तक शत्रु समान हुआ देह परम मित्र बन जाता है! इसलिए, इस देह में आपको ज्ञानी पुरुष मिले हैं, तो पूरा-पूरा काम निकाल लो। पूरा ही तार जोड़कर तड़ीपार उतर जाओ।