Bhrastachar ek kalank (Nibanda in hindi 2 pages )
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भ्रष्टाचार यानी भ्रष्ट आचरण। गलत तरीको को अपनाकर जो व्यक्ति अनैतिक कार्यो में संलग्न हो जाता है, उसे भ्र्ष्टाचारी कहते है। आज पूरे भारत के व्यवस्था प्रणाली में भ्रष्टाचार ने अपनी जगह बना ली है। लोग सत्य के मार्ग पर तरक्की पाने के जगह भ्रष्ट नीतियों को अपनाते है। उदाहरण के तौर पर किसी को दफ्तर में प्रमोशन चाहिए, या नौकरी चाहिए तो वह रिश्वत देकर अपना काम करवाते है। यह न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। आजकल की विडंबना यह है कि अगर ऐसे लोग रिश्वत लेने या देने के जुर्म में पकड़े भी जाते है, तो रिश्वत देकर छूट भी जाते है। कई दुकानदार और व्यापारी सस्ते वस्तुओं को अधिक दामों में बेचकर मुनाफा कमाते है l
आजकल लोगो को यह महसूस होता है, कि अगर वह सही रास्ता अपनाएंगे , तो उनका काम होने में सालों लग जाएंगे। आजकल की व्यस्त जिन्दगी में सबको जल्दी सफलता चाहिए और उसे पाने के लिए लोग रिश्वतखोरी या किसी को झूठे आरापों में फंसाना जैसे कार्य करते है। बड़े-बड़े व्यापारी अनाज को आपातकालीन स्थिति में जमा कर लेते है। फिर उसे बाजार में दो गुने और तिगुने दामों में बेचते है। इससे साधारण लोगो को तकलीफो का सामना करना पड़ता है।
आजकल लोगो को यह महसूस होता है, कि अगर वह सही रास्ता अपनाएंगे , तो उनका काम होने में सालों लग जाएंगे। आजकल की व्यस्त जिन्दगी में सबको जल्दी सफलता चाहिए और उसे पाने के लिए लोग रिश्वतखोरी या किसी को झूठे आरापों में फंसाना जैसे कार्य करते है। बड़े-बड़े व्यापारी अनाज को आपातकालीन स्थिति में जमा कर लेते है। फिर उसे बाजार में दो गुने और तिगुने दामों में बेचते है। इससे साधारण लोगो को तकलीफो का सामना करना पड़ता है।भ्रष्टाचार एक संक्रामक बीमारी की तरह है जो अपनी जड़े मज़बूत कर रहा है। दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार से संबंधित घटनाएं बढ़ रहे है। ज़्यादातर लोग बेईमानी और चोरी का रास्ता अपना रहे है। कोर्ट में झूठे गवाह पेश करके अपराधी छूट जाता है। लोग अपने प्रतिद्वंदी से बदला लेने के लिए झूठा मुकदमा करते है। लोग आजकल पैसे लेकर गलत मूलयांकन कार्ड छात्रों को पास करने के लिए बनाते है। लोगो को ब्लैकमेल करके और अवैध मांग करके उनसे जबरन अनैतिक काम करवाए जाते है।