चत्रवर्णनम्
यहाँ ध्यातव्य है कि प्रत्येक चित्र के साथ दी गयी मञ्जूषा में प्रदत्त पद छात्रों की सहायता के
लिए हैं, किन्तु उनका प्रयोग अनिवार्य नहीं है। छात्र स्वेच्छा से भी वाक्य संरचना कर सकते हैं।
1. अधोलिखितं चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तपदानां सहायतया पञ्चवाक्यानि
लिख्यन्ताम्-
मञ्जूषा
अग्रजस्य, अनुजस्य, भगिनी, स्वक्रमस्य, रक्षाबन्धनम्, रक्षासूत्रम्, करोति,
करिष्यति, मणिबन्धे, मिष्टान्नम्, अन्यम्, पश्चात्, पश्यति, प्रसन्न:, मातापितरौ,
दृष्ट्वा, प्रसन्नौ, पर्वणः, बन्धति
AN
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पता नी भाई मेपा पंजाबी आवा यार
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