Ek majdur ki atmakatha in hindi
Answers
Answered by
123
एक मज़दूर की कथा बहुत सुखों वालों नहीं होती क्योंकि ईश्वर ने उसे बनाया ही है दुखों को झेलवे के लिए। समाज के लोगों द्वारा शोषित होने के लिए। दर-दर ठोकर खाने के लिए।
एक मज़दूर का जीवन बहुत ही दुखों से भरा होता है। वह दिन रात एक कर के मेहनत मज़दूरी करता है। ताकि वह और उसका परिवार एक सूखी जीवन जी सके। रोज़मर्रा की जिंदगी को जीने रे लिए उसे किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।
परंतु,हमारा यह विराट समाज और इस समाज में व्याप्त बड़े आदमी जिनका दिल बहुत छोटा होता है। वह कभी किली को आगे बढ़ने ही नहीं देते। अपने शौक को पूरी करने के लिए मज़दूरें रे खून पसीने के कमाई को भी नहीं छोड़ते।उन लोगों को लगता है कि मज़दूर उनके गुलाम है जो उनके इशारों पर नाचेंगे।
लोग एक रुपये के लिए रिक्शेवाले से लड़ जाते है। भूल जाके है कि वह जो कर रहे है वह बदसलूकी है।सामने वाला मज़दूर भीख नहीं बल्कि अपने मेहनत का पैसा मांग लहा है।फिर भी उस बात को कोई समझने की कोशिश नहीं करता।
एक मज़दूर के मरने पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता,लेकिन वहीं अगर कोई इंजीनियर मर जाएं को तहलका मच जाता है।
यही,है मज़दूरों कि आत्मकथा जो बहुत कम लोग समझते हैं।
एक मज़दूर का जीवन बहुत ही दुखों से भरा होता है। वह दिन रात एक कर के मेहनत मज़दूरी करता है। ताकि वह और उसका परिवार एक सूखी जीवन जी सके। रोज़मर्रा की जिंदगी को जीने रे लिए उसे किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।
परंतु,हमारा यह विराट समाज और इस समाज में व्याप्त बड़े आदमी जिनका दिल बहुत छोटा होता है। वह कभी किली को आगे बढ़ने ही नहीं देते। अपने शौक को पूरी करने के लिए मज़दूरें रे खून पसीने के कमाई को भी नहीं छोड़ते।उन लोगों को लगता है कि मज़दूर उनके गुलाम है जो उनके इशारों पर नाचेंगे।
लोग एक रुपये के लिए रिक्शेवाले से लड़ जाते है। भूल जाके है कि वह जो कर रहे है वह बदसलूकी है।सामने वाला मज़दूर भीख नहीं बल्कि अपने मेहनत का पैसा मांग लहा है।फिर भी उस बात को कोई समझने की कोशिश नहीं करता।
एक मज़दूर के मरने पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता,लेकिन वहीं अगर कोई इंजीनियर मर जाएं को तहलका मच जाता है।
यही,है मज़दूरों कि आत्मकथा जो बहुत कम लोग समझते हैं।
Similar questions