Hindi, asked by sarindhahh, 1 year ago

Essay on Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay (Chatterjee): an inspiration to the Indian freedom fighters in Hindi

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Answered by Anonymous
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                 “बंकिमचन्द्र चटर्जी साहित्यकार व राष्ट्रभक्त”

भूमिका 

साहित्य के क्षेत्र में बंकिमचन्द्र चटर्जी का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है I उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश सत्ताईस वर्ष की उम्र में “दुर्गेश नंदिनी” उपन्यास के साथ किया I उनकी मुख्य पहचान राष्ट्रगीत के लेखक के रूप है I बांग्ला कवि, उपन्यासकार, लेखक तथा पत्रकार के रूप में भी है I

कृतियाँ 

बंकिमचन्द्र चटर्जी ने बहुत सी कृतियाँ लिखी है, उनमे से 1866 में उन्होंने कपालकुंडला नामक कृति की रचना की I राजनीति के ऊपर उपन्यास “आनंदमठ” उन्होंने 1882 लिखा I आनंदमठ उस समय हर देश भक्तके लिए प्रेरणास्त्रोत था I इसमे देशभक्ति का ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया था, जिससे प्रेरित हिकार भारत के लाखों करोड़ों युवा राष्ट्रभक्ति के रास्ते पर चल पड़े I उपन्यास के माध्यम से स्वतंत्रता की लड़ाई का आगाज हो चूका था I वंदेमातरम् का जयघोष पूरे भारत का जयघोष बन चुका था I बंकिम हर भारतीय के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके थे I

स्वदेशप्रेम 

आजादी का ऐसा जयघोष उठा कि अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिल गई थी I उन्होंने कर्नल डफिन पर काले भारतीयों का अपमान करने दावा किया I उन्होंने अपने तर्कों से उस अधिकारी को माफ़ी मांगने पर मजबूर कर दिया I उनकी जितनी भी कृतियाँ थी उनके पात्रों का चरित्र पवित्र, दयावान तथा प्रेरणात्मक था I जिसने देश के हर नागरिक को धर्माचरण ले लिए प्रेरित किया I उनके सिद्धांतों तथा साहित्य का आज भी अनुकरण किया जाता है I

उपसंहार 

बंकिम भारतीय आपके सदैव ऋणी रहेंगे जो आपने राष्ट्रीय गीत के माध्यम से देश की सेवा करने का पाठ पढ़ाया I राष्ट्र के विकास व उन्नति के लिए आप जैसे महान नेताओं का मार्गदर्शन ही उन्नति के पथ पर अग्रसर करता है I

Answered by TheBrain
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                  “बंकिमचन्द्र चटर्जी साहित्यकार व राष्ट्रभक्त”

भूमिका 

साहित्य के क्षेत्र में बंकिमचन्द्र चटर्जी का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है I उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश सत्ताईस वर्ष की उम्र में “दुर्गेश नंदिनी” उपन्यास के साथ किया I उनकी मुख्य पहचान राष्ट्रगीत के लेखक के रूप है I बांग्ला कवि, उपन्यासकार, लेखक तथा पत्रकार के रूप में भी है I

कृतियाँ 

बंकिमचन्द्र चटर्जी ने बहुत सी कृतियाँ लिखी है, उनमे से 1866 में उन्होंने कपालकुंडला नामक कृति की रचना की I राजनीति के ऊपर उपन्यास “आनंदमठ” उन्होंने 1882 लिखा I आनंदमठ उस समय हर देश भक्तके लिए प्रेरणास्त्रोत था I इसमे देशभक्ति का ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया था, जिससे प्रेरित हिकार भारत के लाखों करोड़ों युवा राष्ट्रभक्ति के रास्ते पर चल पड़े I उपन्यास के माध्यम से स्वतंत्रता की लड़ाई का आगाज हो चूका था I वंदेमातरम् का जयघोष पूरे भारत का जयघोष बन चुका था I बंकिम हर भारतीय के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके थे I

स्वदेशप्रेम 

आजादी का ऐसा जयघोष उठा कि अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिल गई थी I उन्होंने कर्नल डफिन पर काले भारतीयों का अपमान करने दावा किया I उन्होंने अपने तर्कों से उस अधिकारी को माफ़ी मांगने पर मजबूर कर दिया I उनकी जितनी भी कृतियाँ थी उनके पात्रों का चरित्र पवित्र, दयावान तथा प्रेरणात्मक था I जिसने देश के हर नागरिक को धर्माचरण ले लिए प्रेरित किया I उनके सिद्धांतों तथा साहित्य का आज भी अनुकरण किया जाता है I

उपसंहार 

बंकिम भारतीय आपके सदैव ऋणी रहेंगे जो आपने राष्ट्रीय गीत के माध्यम से देश की सेवा करने का पाठ पढ़ाया I राष्ट्र के विकास व उन्नति के लिए आप जैसे महान नेताओं का मार्गदर्शन ही उन्नति के पथ पर अग्रसर करता है I

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