Hindi, asked by riya3786, 4 months ago

गोली गोली से ज्यादा असरदार होती है आशय स्पष्ट कीजिए​

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Answered by 5dtanisqkapandey
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फ़्रांस के मशहूर उपन्यासकार होनोरे डि बाल्ज़ाक मानते थे कि कॉफ़ी दिमाग़ को खोल देता है.

बाल्ज़ाक हर शाम पेरिस की गलियों को छानते हुए उस कैफे तक पहुंचते थे जो आधी रात के बाद तक खुला रहता था. कॉफ़ी पीते हुए वे सुबह तक लिखते रहते थे.

कहा जाता है कि बाल्ज़ाक एक दिन में 50 कप कॉफ़ी पी जाते थे.

भूख लगने पर बाल्ज़ाक चम्मच भर कॉफ़ी के दानों को चबा लेते थे. उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उनके दिमाग़ में विचार ऐसे कौंधते हैं जैसे जंग के खाली मैदान में सेना की बटालियन मार्च करते हुए चली आ रही हो.

बाल्ज़ाक ने करीब 100 उपन्यास, लघु उपन्यास और नाटक लिखे. हृदय गति रूक जाने से केवल 51 साल की उम्र में उनका निधन हुआ.

सदियों से लोग कॉफ़ी पी रहे हैं. लेकिन बाल्ज़ाक जिस वजह से कॉफ़ी पीते थे, वैसा अब नहीं है.

नई पीढ़ी नये प्रयोग कर रही है. वह नई और स्मार्ट दवाइयां ले रही है, जिनके बारे में वे मानते हैं कि वह उनकी दिमाग़ी ताक़त बढ़ाती है और उनको काम में मदद करती है.

हाल में अमरीका में कराये गए सर्वे में 30 फ़ीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने ऐसी दवाइयां ली हैं. मुमकिन है कि भविष्य में सभी लोग इनका सेवन करने लगें, परिणाम चाहे जो भी हो.

सवाल है कि क्या नई दवाइयों के इस्तेमाल से दिमाग़ ज़्यादा काम करने लगेगा? नये आविष्कार होने लगेंगे या आर्थिक तरक्की की रफ़्तार को पंख लग जाएंगे? जब लोग ज़्यादा सक्षम हो जाएंगे तो क्या उनके सारे काम जल्दी ख़त्म होने लगेंगे और वीकेंड बड़ा हो जाएगा?

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