Goa ki prakrutic sunderta....Essay please quick . If good i will mark BRAINLIEST
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घूमने का मौका मिले तो आम भारतीय के मन में सबसे पहले समुद्रतट देखने की चाहत आती है। सागर का सौंदर्य देखने और वहां व्याप्त शांति को महसूस करने की इच्छा सबके भीतर होती है। अधिकतम लोगों को समुद्रतट पसंद होने की बड़ी वजह वहां मौसम की अनुकूलता है। भारत में जब समुद्रतट की बात आती है तो सबकी पहली पसंद गोवा होता है। इसके बाद केरल व तमिलनाडु की बात आती है। ऐसे ही स्कीइंग के लिए उत्तरांचल में औली सबसे मुफीद जगह है। हिमाचल में सोलंग घाटी और नारकंडा भी अच्छे स्कीइंग क्षेत्र हैं। आइए आज चलें गोवा की सैर को ।
लुभाती है गोवा की संस्कृति
भारत की समुद्रतटीय जगहों में गोवा केवल सौंदर्य ही नहीं, अपनी खास संस्कृति के कारण भी लोगों को पसंद है। पर्यटकों को यहां के लोगों से जैसा अपनापन मिलता है, वैसा बहुत कम जगहों पर संभव है। यहां के समुद्रतटों में कोल्बा सबसे लोकप्रिय है। सागर, रेत व सूर्य की त्रिवेणी सबका मन मोह लेती है। चपोला किले से सटे अंजुना बीच के पास अल्बुकर्क महल है। डोना पौला बीच सुंदरता के लिए तो मशहूर है ही, यहां वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा भी है। मीरामार बीच पाम के पेड़ों के कारण हरियाली से भरा है। आरामबोल बीच की खूबी यहां चट्टानों पर की गई कलाकारी है। बेतुल बीच पर फैले पाम के पेड़ उसे अलग रंग देते हैं।
बेनौलिम, बोगमालो व बागा बीच का सौंदर्य भी अनूठा है। गोवा के मंदिर भारत के अन्य मंदिरों से अलग हैं। इनमें देवस्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यहां शयनमुद्रा में भगवान विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। यहां ब्रह्मा जी का भी मंदिर है। आप योगाभ्यास में रुचि लेते हों तो श्री देव बोडगेश्वर संस्थान जा सकते हैं। गिरजाघरों की बहुलता होने से गोवा को पूरब का रोम कहा जाता है। इनमें बासिलिका द बॉम जीसस अपनी बेमिसाल वास्तुकला के नाते दुनिया की धरोहरों में शामिल है। चर्च ऑफ एंड्रयू, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोझेरी और चैपल ऑफ संत कैथरीन आदि भी दर्शनीय हैं।
गोवा भारत के सबसे लोकप्रिय और सदाबहार पर्यटन स्थलों में शामिल है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण समुद्र तट, वैभवशाली अतीत की याद दिलाते कई किले, सांझी संस्कृति के परिचायक मंदिर व गिरजाघर, कला के बेहतरीन नमूने समेटे कला दीर्घाएं, ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए सुविधायुक्त ट्रैक्स व खाने-पीने के लिए एक से बढ़कर एक समुद्री व्यंजन और अन्य स्वादिष्ट खाद्य व पेय पदार्थ, ऐसा लगता है कि विश्व के कई खूबसूरत गन्तव्यों का एक झरोखा है गोवा।
इतिहास
गोवा में 14वीं शताब्दी तक यादवों के साम्राज्य के बाद, करीब 300 वर्ष पुर्तगालियों ने राज किया। 19 सितम्बर 1961 को गोवा पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त होकर भारतवर्ष का अंग बना तथा 30 मई 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। लम्बे अर्से तक पुर्तगालियों के वर्चस्व की छाप आज भी गोवा के जन-जीवन पर दिखाई देती है। डॉल्फिन जैसी दुर्लभ मछली का साथ भी आपको मिल सकता है।
गोवा के मशहूर समुद्रतटो मे अंजुना पणजी से 18 किमी दूर है। पणजी से 18 किमी की दूरी पर उत्तरी गोवा मे एक और बीच बागा है, जो सात किमी लंबा है। पणजी से 50 किमी दूर आरामबोल बीच की खूबी यहां चट्टानो पर की गई कलाकारी है। दक्षिण गोवा मे मडगांव से 22 किमी दूर बेतुल बीच दोनो ओर फैले पाम के पेड़ो के लिए जाना जाता है। इससे पहले मडगांव से 4 किमी दूर बेनौलिम बीच है। कोल्बा बीच पर सन, सैड और सी (सूर्य, बालू और समुद्र) का मिलन होता है। तीनो मिलकर मनोरम दृश्य बनाते है। पणजी से 3 किमी दूर स्थित मीरामार बीच को गोल्डन बीच के नाम से भी जाना जाता है। वाटर स्पोर्ट्स के शौकीनो के लिए डोना पाउला और बोगमालो बीच पर अच्छी सुविधाएं है।
पानी की अठखेलियां
गोवा का मुख्य आकर्षण है इसके रूपहली रेत से अठखेलियां करते पारदर्शी पानी से लबरेज समुद्र तट।
तटो से जी भर जाए तो अरवालेम जलप्रपात जा सकते है। 24 मीटर ऊंचे इस जलप्रपात की छटा मानसून के बाद देखने लायक होती है। आसपास की गुफाएं इसके सौदर्य को और बढ़ाती है। यहां एक आकर्षक जलप्रपात दूधसागर भी है, जहां सैकड़ो फुट की ऊंचाई से गिरता पानी बेहद सुंदर दृश्य उत्पन्न करता है। वन्य जीवन में रुचि रखने वालो के लिए यहां के पक्षी विहार व अभ्यारण्य काफी आकर्षक है। यहां 48 दुर्लभ स्तनधारी, 276 पक्षी और 48 सरीसृप देखे जा सकते है। आप यहां डॉल्फिन जैसी दुर्लभ मछली के साथ समय बिता सकते है। गोवा के अभ्यारण्यो मे भगवान महावीर वन्य जीव अभ्यारण्य, बोदला फॉरेस्ट, कोटीगांव वन्य जीव अभ्यारण्य एवं सलीम अली पक्षी विहार प्रमुख है।
किले व संग्रहालय
गोवा के इतिहास व सांस्कृतिक विरासत की झलक पाने के लिए द आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम एंड पोर्ट्रेट गैलरी, द आर्काइव्ज म्यूजियम ऑफ गोवा देखने जा सकते है। पूरी तरह ईसाई कला को समर्पित म्यूजियम ऑफ क्रिश्चियन आर्ट एवं नौसेना को समर्पित एविएशन म्यूजियम का अपना अलग महत्व है।
समुद्री तटों के बाद गोवा मे लोगो को सबसे ज्यादा आकर्षित करते है किले। पणजी से 18 किमी दूर अगुआदा फोर्ट गोवा का सबसे मजबूत किला माना जाता है। यहां वास्तुकला के बेहतरीन नमूने देखे जा सकते हैं। गोवा मे कई ऐसे किले है जिन्हे बाद के शासक संजो कर नही रख सके। इन्ही मे से एक है कैबो ऑफ रामा फोर्ट। यह किला अब लगभग वीरान रहता है। यहां पुर्तगालियों के किलो से अलग पुरातन भारतीय स्थापत्य कला का नजारा देखने को मिलता है। इनके अलावा चपोरा फोर्ट, मर्मोगांव फोर्ट, टेराकोल फोर्ट, गेट ऑफ द पैलेस ऑफ आदिल शाह, वायसराय आर्च प्रमुख है।
मंदिर और गिरजाघर
गोवा मे गिरजाघरों की बहुतायत के कारण इसे पूरब का रोम भी कहा जाता है। जो चर्च यहां काफी प्रसिद्ध हैं उनमे बासिलिका द बॉम जीसस का नाम भी शामिल है। बेमिसाल वास्तुकला के नाते यह चर्च विश्व की धरोहरों मे गिना जाता है। इसके साथ ही चर्च ऑफ एंड्रयू, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोझेरी, चैपल ऑफ संत कैथरीन भी देखने लायक हैं।
घूमने का मौका मिले तो आम भारतीय के मन में सबसे पहले समुद्रतट देखने की चाहत आती है। सागर का सौंदर्य देखने और वहां व्याप्त शांति को महसूस करने की इच्छा सबके भीतर होती है। अधिकतम लोगों को समुद्रतट पसंद होने की बड़ी वजह वहां मौसम की अनुकूलता है। भारत में जब समुद्रतट की बात आती है तो सबकी पहली पसंद गोवा होता है। इसके बाद केरल व तमिलनाडु की बात आती है। ऐसे ही स्कीइंग के लिए उत्तरांचल में औली सबसे मुफीद जगह है। हिमाचल में सोलंग घाटी और नारकंडा भी अच्छे स्कीइंग क्षेत्र हैं। आइए आज चलें गोवा की सैर को ।