Hindi, asked by omprakash7687, 1 year ago

हिरोशिमा नगर में मीलों तक फैली हुई वीरानी को देखकर कोबायाशी की मनोदशा कैसी हो गयी थी? संक्षेप में लिखिए।

Answers

Answered by RvChaudharY50
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Answer:

ऐटम बम के धमाके ने हिरोशिमा नगर की खुशहाल जिन्दगी को पलक झपकते ही वीरान-खण्डहरों में बदल दिया था। कोबायाशी की पच्चीस वर्षों से देखी, समझी और बरती हुई दुनिया आज एक स्वप्न के भंग हो जाने की तरह समाप्त हो चुकी थी। कोबायाशी मीलों तक फैली वीरानी को देखकर अपने को, अपनी पत्नी को और सब कुछ को भूल गया। उसको अपनापन, उसका ज्ञान, उसकी शक्ति, जीवन के प्रति उसकी आंस्था आदि सब कुछ उस महाविनाश में विलीन हो गया था।

वह अपनी सारी शक्ति को बटोर कर एक पागल की तरह बेतहासा दौड़ पड़ा। मीलों तक उजड़े हुए, खण्डहर हुए हिरोशिमा नगर में लाखों निर्दोष प्राणियों की आत्मा बनकर पागल कोबायाशी चीख रहा था-“मुझे क्यों मारा? मुझे क्यों मारा?” इस प्रकार कोबायाशी की मनोदशा एक पागल जैसी हो गयी थी।

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