Hindi, asked by pinkysavasiya, 10 months ago

Hindi mein koi bhi Panch Patra​

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Answered by Kritikupadhyay5pbh
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Answer:

आपकी खोई हुई पुस्तक किसी अपरिचित द्वारा लौटाए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।

21, जी.टी.बी.नगर,

दिल्ली।

दिनांक 23 अप्रैल, 20XX

आदरणीय कैलाश मिश्रा जी,

नमस्कार !

कल मुझे डाक से एक पार्सल मिला। पार्सल खोलने पर मुझे यह देखकर अत्यन्त आश्चर्य हुआ साथ ही प्रसन्नता भी हुई कि उसमें मेरी खोई हुई वही पुस्तक मौजूद थी, जिसके लिए मैं काफी परेशान था। पहले तो मैं विश्वास ही नहीं कर पाया कि वर्तमान युग में भी कोई व्यक्ति इतना भला हो सकता हैं, जो डाक-व्यय स्वयं देकर दूसरों की खोई वस्तु लौटाने का कष्ट करे। मैं आपका हार्दिक धन्यवाद करता हूँ। यह पुस्तक बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होती तथा मेरे लिए यह एक अमूल्य वस्तु हैं। आपने पुस्तक लौटाकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया हैं। इसके लिए मैं हमेशा आपका आभारी रहूँगा।

एक बार पुनः मैं आपको धन्यवाद करता हूँ।

आपका शुभाकांक्षी,

(2) आपकी खोई हुई वस्तु लौटाए जाने हेतु उस व्यक्ति को धन्यवाद करते हुए पत्र लिखिए।

15, संजय एन्क्लेव,

जहाँगीरपुरी,

दिल्ली।

दिनांक 21 मई, 20XX

आदरणीय विनोद जी,

सादर नमस्कार।

आपको पत्र लिखकर मैं स्वयं को धन्य मान रहा हूँ। आप जैसे ईमानदार व्यक्ति आज के युग में बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। आपने मेरी खोई हुई अटैची लौटाकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया हैं। जब से मेरी अटैची गुम हुई थी, मेरी दिनचर्या ही अस्त-व्यस्त हो गयी थी। मानसिक तनाव अत्यधिक बढ़ गया था; क्योंकि उसमें कार्यालय के पचास हजार रुपये के साथ-साथ कुछ महत्त्वपूर्ण फाइलें भी थीं।

रेलवे स्टेशन पर खोई इस अटैची के वापस मिलने की मैं उम्मीद ही खो चुका था। किन्तु उस रोज जब मैं रुपयों का प्रबन्ध करने घर से निकलने ही वाला था कि वह अटैची हाथ में लिए आपका छोटा भाई मेरे पास आया। मुझे लगा मानो यह कोई स्वप्न हो और अटैची हाथ में लिए कोई देवदूत आया हो। अपने सामान के मिल जाने पर जो ख़ुशी मुझे हुई उसे शब्दों में बयाँ करना असम्भव हैं। वास्तव में, आप जैसे लोगों के बल पर ही इस दुनिया में ईमानदारी शेष हैं।

मैंने अटैची देख ली हैं। सभी चीजें यथावत हैं। मैं आप जैसे ईमानदार व्यक्ति का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। आपकी ईमानदारी ने मेरे बुझे मन में एक नवीन उत्साह का संचार किया हैं। आपका आभार व्यक्त करने के लिए मुझे शब्द नहीं मिल पा रहे हैं। हृदय से मैं आपकी मंगल कामना करता हूँ।

धन्यवाद।

भवदीय

(3) धन की आवश्यकता होने पर जरूरत के समय धन उधार देने वाले मित्र को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

252, किशनगंज,

दिल्ली।

दिनांक 21 मई, 20XX

प्रिय मित्र सुशील,

नमस्कार!

कल आपने मुझे तीन हजार रुपये उधार देकर मुझ पर बड़ा उपकार किया हैं। आप जानते ही हैं कि इन दिनों मैं किन विषम परिस्थितियों से गुजर रहा हूँ। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। पत्नी का स्वास्थ्य भी खराब हैं। वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। उसके इलाज के लिए मुझे पाँच हजार रुपयों की आवश्यकता थी।

दो हजार रुपयों का इन्तजाम तो मैं कर चुका था, किन्तु मुझे तीन हजार रुपयों की आवश्यकता और थी। मैंने रुपयों के लिए अपने सगे-सम्बन्धियों से बात की, किन्तु सभी ने मना कर दिया। मैं परेशान हो गया था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। ऐसे मुश्किल समय में आपने मुझे रुपये देकर मुझ पर बड़ा अहसान किया हैं।

मैं जल्दी ही आपके रुपये लौटा दूँगा। आपके द्वारा जरूरत के समय मुझे दिए गए ऋण के लिए मैं पुनः दिल से आपको धन्यवाद देता हूँ।

आपका मित्र,

(4) आपके पिता ने आपके जन्म-दिन के अवसर पर आपको 3000 रुपए का उपहार भेजा है। उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए उनको पत्र लिखिए जिसमें उनको बतलाइए कि आप रुपए को कैसे खर्च करना चाहते हैं।

कलमबाग रोड,

मुजफ्फरपुर,

17 जनवरी, 1998

पूज्यवर पिताजी,

मेरे जन्म-दिन के अवसर पर मुझे उपहार में 3000 रुपए भेजने के लिए आपको धन्यवाद। आपका अच्छा उपहार पाकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई।

आप जानना चाहेंगे कि मैं आपके द्वारा भेजे गए रुपए को कैसे खर्च करना चाहता हूँ। आप जानते है कि मुझे फोटोग्राफी में रूचि है। गत वर्ष मैंने आपसे एक कैमरा के लिए अनुरोध किया था, लेकिन आपने मेरे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। अब मैं कैमरा खरीद सकूँगा। मुझे कुछ दिनों से कैमरा की बहुत चाह रही है। मैं जब फोटो खींचना चाहता था, तब मुझे अपने मित्र का कैमरा माँगना पड़ता था। मैं बहुत दिनों से कैमरा रखना चाहता हूँ, लेकिन मैं उसे खरीद नहीं सकता था।

अच्छे कैमरे की कीमत बहुत होती है। मैं 3000 रुपए में एक साधारण कैमरा खरीद सकूँगा। मैं सोचता हूँ कि सस्ते कैमरे से भी मेरा काम चल जाएगा।

क्या आप मेरे विचार को पसंद करते है ? मेरा विश्र्वास है कि आप मुझे अपना उपहार मेरी इच्छा के अनुसार खर्च करने देंगे। यदि मेरे पास एक कैमरा रहे तो मैं फोटोग्राफी की कला सीख सकता हूँ। आप मुझसे सहमत होंगे कि फोटोग्राफी एक आनंददायक शौक है।

आपके प्रति अत्यंत आदर और माताजी के प्रति प्रेम के साथ,

आपका प्रिय पुत्र,

पता- श्री अरुण कुमार सिंह,

चर्च रोड,

राँची

IF you satisfied with my answer so mark me as BRAINLIEST.

Answered by khushi06613
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