Hindi, asked by treshShzubasi, 1 year ago

I need summary of chandra gehna se lauti ber

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Answered by MVB
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चंद्र गहना से लौटती बेर' कविता में कवि केदारनाथ अग्रवाल ने गाँव के रास्ते में पड़ने वाले खेतों और तालाब की सुंदरता का वर्णन किया है। एक बार लेखक चंद्र गहना नामक गाँव से आ रहा होता है। वहाँ उसे प्रकृति अपनी ओर आकर्षित करती हुई प्रतीत होती है। उसे एक ठिगना चने का पौधा दिखता है, जिसके सर पर गुलाबी फूल साफे (पगड़ी) के समान लगता है। वह उसे दुल्हे के समान प्रतीत होता है। वहीं पास में अलसी का पौधा है, जो सुन्दर युवती की भांति लगता है। खेत में सरसों का पौधा विवाह योग्य लड़की के समान लगता है। खेतों के समीप से रेल भी होकर गुजरती है। पास में तालाब की शोभा देखने लायक है। तालाब के किनारे पर पत्थर पड़े हुए हैं, मछली की ताक में बगुला चुपचाप खड़ा है। दूर सारस के जोड़े का स्वर सुनाई दे रहा है। यह सब कवि का मन मोह लेते हैं। इस कविता में कवि की कल्पना शक्ति का बहुत सुंदर परिचय मिलता है। वह अपनी कल्पना शक्ति से वस्तुओं में असाधारण सुंदरता को देख लेते हैं। उनके द्वारा किया गया प्रकृति वर्णन स्वयं में अद्भुत और रोचक है। प्रकृति मानव के समान व्यवहार करते हुए प्रतीत होती है।
Answered by ArayaRathore
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