Hindi, asked by StarboyCDj5824, 11 months ago

‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के षष्ठ सर्ग की कथा संक्षेप में लिखिए ।

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Answered by itzAshuu
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Hope it helps!!!!❤️❤️❤️

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Answered by sindhu789
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‘ जय सुभाष ’ खण्डकाव्य के आधार पर षष्ठ सर्ग की कथा नीचे दी गयी है -

Explanation:

आज़ाद हिन्द फ़ौज के भारत पर आक्रमण और उन पर प्राप्त विजय का वर्णन ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के षष्ठ सर्ग में किया गया है। सुभाष ने ' आज़ाद हिन्द फ़ौज ' के वीरों को ' जय हिन्द ' और ' दिल्ली चलो ' के नारे दिए। सुभाष ने " तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा " का नारा दे कर युवकों का आह्वान किया और अपनी सेना के वीरों के अंदर स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने की भावना को जागृत किया। सेना के वीरों ने इनका भाषण सुनकर शत्रु की विशाल सैन्य शक्ति की परवाह किये बिना विजय प्राप्त किया। तथा 18 मार्च, 1944 ई० को कोहिमा तक पहुँच गए। सेना के वीरों ने इम्फाल को घेर कर भयंकर गोलाबारी की और शत्रुओं को पीछे भगा दिया। जिसके कारण अराकान पर्वत शिखर पर भी भारतीय तिरंगा लहराने लगा। सेना के वीरों ने अंग्रेज़ों के छक्के छुड़ा दिए और उनके शिविरों पर चढ़ाई कर के कई मोर्चे पर उनको अविस्मरणीय करारी शिकस्त दी।  

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