"कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं"-इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
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"कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं"-इस कथन से हम समझते हैं कि सभी नागरिकों को अपनी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद समान कानूनों का पालन करना पड़ता है चाहे वो व्यक्ति देश का राष्ट्रपति हो या एक घरेलू काम की नौकरी करने वाले तक। कानून सभी व्यक्तियों के साथ समानता का व्यवहार करता है और उनके साथ पद ,धर्म ,संप्रदाय ,जाति, नस्ल लिंग अथवा जन्म स्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता।
कानून के सामने समानता लोकतंत्र का एक मूल तत्व है। लोकतंत्र सभी व्यक्तियों के साथ समानता का व्यवहार करता है और किसी भी आधार पर किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं करता इसलिए कानून के सामने समानता लोकतंत्र में महत्वपूर्ण है।
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गलत है भाई जी गलत सही गलत सही गलत सही गलत