क्षेत्रीय परंपराओं में शिल्पकारों एवं उनके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले कच्चे माल के बीच गहरा संबंध होता है। किसी एक ऐसी परंपरा/धार्मिक अनुष्ठान/संस्कार/त्योहार पर शोध करें और उसका सविस्तार वर्णन करें।
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क्षेत्रीय परंपराओं में शिल्पकारों एवं उनके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले कच्चे माल के बीच गहरा संबंध होता है। किसी एक ऐसी परंपरा/धार्मिक अनुष्ठान/संस्कार/त्योहार पर शोध करें और उसका सविस्तार वर्णन करें।
Explanation:
उत्तर :- क्षेत्रीय परंपराओं में शिल्पकार तथा उसके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले कच्चे माल के बीच सहीं में गहरा संबंध होता हैं। उदाहरण के स्वरूप आप बिहार में चित्र आंक रहें महिला चित्रकारों को ही देख लीजिए। वह लोग अपने रगों की पूर्ति के लिए पेड़ से खुद व खुद गिरे फूलों का ही इस्तेमाल करते हैं। वह कभी भी खुद पेड़ से तोड़ कर फूलों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
तो, आप अंदाजा लगा ही सकते हैं की हमारे भारतीय शिल्पकारों का परंपरा और धार्मिक विश्वास से कितना लगाव हैं। हिन्दू धर्म में पेड़-पौधों को पूजनीय समझ गया है इसलिए उनको बिना कोई कष्ट देते हुए अपने शिल्पों के लिए कच्चे माल की पूर्ति करना हमारे शिल्पकारों के लिए अनिवार्य हैं।
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