Social Sciences, asked by maahira17, 10 months ago

कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से किस प्रकार भिन्न था?

Answers

Answered by nikitasingh79
7

कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से निम्न प्रकार भिन्न था :  

तंजावूर के समीप उरेयूर के सालीय बुनकर मंदिर के लिए झंडे झाड़ियां बनाने का कपड़ा तैयार करते थे । वे राजा  तथा अभिजात वर्ग की जरूरत के लिए अच्छी किस्म का सूती वस्त्र तैयार करते थे । जनसाधारण की आवश्यकता के लिए मोटा सूती वस्त्र होता था । इसके अतिरिक्त स्वामीमलाई के लिए शिल्पी कांस्य की सुंदर मूर्तियां तथा घंटा धातु के लंबे दीप बनाते थे जो बहुत ही आकर्षक लगते थे।

कलकत्ता के शिल्प उत्पादन कताई ,बुनाई, धुलाई ,रंगाई आदि शिल्प प्रचलित थे। इस अंतर का मुख्य कारण यह था कि तंजावुर एक मंदिर नगर था, जबकि कोलकाता यूरोपीय कंपनियों की गतिविधियों का केंद्र बन गया था।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ  (नगर, व्यापारी और शिल्पीजन) के सभी प्रश्न उत्तर :  

https://brainly.in/question/14454915#

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत क्यों आते थे?  

https://brainly.in/question/14462528#

मदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन कितने महत्वपूर्ण थे?

https://brainly.in/question/14462056#

Answered by poojasingh61408
0

Explanation:

thanks for this answer bahot accha answer hai

Similar questions