कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
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उत्तर:- कवि ने तालाब की तुलना दर्पण से की है क्योंकि तालाब का जल अत्यंत स्वच्छ व निर्मल है। वह प्रतिबिंब दिखाने में सक्षम है। दोनों ही पारदर्शी, दोनों में ही व्यक्ति अपना प्रतिबिंब देख सकता है। तालाब के जल में पर्वत और उस पर लगे हुए फूलों का प्रतिबिंब स्वच्छ दिखाई दे रहा था। काव्य सौंदर्य को बढ़ाने के लिए, अपने भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए कवि ने ऐसा रूपक बाँधा है।
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कवि ने तालाब की समानता दर्पण के साथ दिखाई है। दर्पण में किसी को भी अपना वास्तविक प्रतिबिंब दिखाई देता है। कवि के अनुसार उसी तरह तालाब का जल भी दर्पण के समान है, क्योंकि यह अत्यंत स्वच्छ और निर्मल है। इसमें किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब आसानी से देखा जा सकता है। प्रकृति के विभिन्न तरह के तत्व जैसे के पर्वत, वृक्ष आदि तालाब दर्पण रूपी जल में अपना प्रतिबिंब निहार कर अपने सौंदर्य पर आत्ममुग्ध हो रहे हैं। इसलिए कवि ने तालाब की तुलना एक विशाल दर्पण से की है।
Explanation:
यह प्रश्न कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा रचित कविता “पर्वत प्रदेश में पावस” कविता से संबंधित है। इस कविता में कवि ने प्रकृति सौंदर्य का वर्णन किया है।
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