Hindi, asked by singhkoyalwati, 2 months ago

लघुगणक की परिभाषा ,एवम प्रकार को समझाइए​

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स्कॉटलैंड निवासी जाॅन नेपियर द्वारा प्रतिपादित लघुगणक (Logarithm / लॉगेरिद्म) एक ऐसी गणितीय युक्ति है जिसके प्रयोग से गणनाओं को लघु या छोटा किया जा सकता है। इसके प्रयोग से गुणा और भाग जैसी जटिल प्रक्रियाओं को क्रमशः जोड़ और घटाने जैसी अपेक्षाकृत सरल प्रक्रियाओं में बदल दिया जाता है।

Explanation:

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Answered by Anonymous
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स्कॉटलैंड निवासी जाॅन नेपियर द्वारा प्रतिपादित लघुगणक (Logarithm / लॉगेरिद्म) एक ऐसी गणितीय युक्ति है जिसके प्रयोग से गणनाओं को लघु या छोटा किया जा सकता है। इसके प्रयोग से गुणा और भाग जैसी जटिल प्रक्रियाओं को क्रमशः जोड़ और घटाने जैसी अपेक्षाकृत सरल प्रक्रियाओं में बदल दिया जाता है।

लघुगणक सूत्र, निकालने का तरीका

नियम 1:

किन्हीं दो संख्या x एवं y के गुणनफल का लघुगणक इन दो संख्याओं के लघुगणकों के योग के बराबर होगा। इसमें यह शर्त होती है की इन दोनों संख्याओं का आधार एक ही होना चाहिए तभी यह प्रमेय सिद्ध होती है।

log b (x y) = log b x + log b y

नियम 2 :

दो संख्याओं का भाग उनके लघुगणक के अंतर का प्रतिलघुगणक के बराबर होगा। इस नियम में भी यह शर्त होती है की दोनों संख्याओं का आधार समान होना चाहिए।

log x ⁄ y = log x – log y

नियम 3:

किसी एक संख्या का दुसरे आधार के लिए लघुगणक उसी संख्या के किसी भी आधार से निर्धारित किया जा सकता है।

log a x = log b x × log a b

⇒ log b x = log a x ⁄ log a b

नियम 4 :

किसी एक निश्चित घात तक बढाई गयी संख्या का लघुगणक, उस संख्या के लघुगणक को घात सूचकांक से गुना करने पर आने वाली संख्या के बराबर है। इन दोनों संख्याओं का आधार समान होता है।

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