Physics, asked by Khushi5152, 10 months ago

मृदु इस्पात के चार समरूप खोखले बेलनाकार स्तम्भ 50,000 kg द्रव्यमान के किसी बड़े ढाँचे को आधार दिये हुए हैं। प्रत्येक स्तम्भ की भीतरी तथा बाहरी क्रियाएँ क्रमश: 30 तथा 60 cm हैं। भार वितरण को एकसमान मानते हुए प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति की गणना कीजिये।

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Answered by kaashifhaider
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प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति = 7.22 × 10 ^ -7 है।

Explanation:

बेलनाकार स्तंभ m द्रव्यमान को आधार दिये हुए हैं = 50000

इसलिए लगा बल = mg = 50000 × 9.8 N = 490000 N

एक  बेलनाकार समर्थन के लिए बल  = 490000/4 = 122500 N

प्रत्येक स्तंभ का आंतरिक त्रिज्या (r 1) = 30 सेमी = 0.3 मीटर

प्रत्येक स्तंभ  की बाहरी त्रिज्या (r2) = 60 सेमी = 0.6 मी

इसलिए  π (r₁² -r each)

= 3.14 (0.6 3.-0.3²)

= 3.14 × 0.27 वर्ग मीटर

हम जानते हैं यंग की प्रत्यास्था  = प्रतिबल / विकृति

विकृति = 122500/(3.14×0.27)2×10¹¹  =7.22 × 10 ^ -7

प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति = 7.22 × 10 ^ -7 है।

ऐलुमिनियम के किसी घन के किनारे 10 cm लंबे हैं। इसकी एक फलक किसी ऊध्र्वाधर दीवार से कसकर जड़ी हुई है। इस घन के सम्मुख फलक से 100 kg का एक द्रव्यमान जोड़ दिया गया है। एलुमिनियम का अपरूपण गुणांक 25 GPa है। इस फलक का ऊध्वधर विस्थापन कितना होगा ?

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