Manav seva hi sachi seva hai essay in hindi
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१. भारतीय दर्शन में मानव सेवा को सच्ची सेवा माना गया है ।
२. निस्स्वार्थ मानव सेवा ही सच्ची सेवा है ।
३ मानव सेवा कई प्रकार की हो सकती है जैसे शारारिक, भावनात्मक तथा आर्थिक ।
४. शारारिक सेवा के अंतर्गत बीमारों की देखभाल , वृद्धों की सेवा तथा अपंगों की देखभाल का समावेश किया जा सकता है ।
५. भावनात्मक सेवा या सहारा भी मानव सेवा का महत्वपूर्ण हिस्सा है । दुखिहारे व्यक्ति को प्यार, हिम्मत तथा विश्वास का सहारा देकर आप उसकी भावनात्मक सेवा कर सकते हैं ।
६. आर्थिक रूप से कमजोर या समय की मार से सताए व्यक्तियों की यथासंभव आर्थिक सहायता भी मानव सेवा का पहलू है ।
ज्ञानियों ने सही कहा हे कि " पर पीड़ा नहीं सम अधिमायी " अर्थात दूसरे की पीड़ा से बड़ी कोई पीड़ा नहीं है ।
२. निस्स्वार्थ मानव सेवा ही सच्ची सेवा है ।
३ मानव सेवा कई प्रकार की हो सकती है जैसे शारारिक, भावनात्मक तथा आर्थिक ।
४. शारारिक सेवा के अंतर्गत बीमारों की देखभाल , वृद्धों की सेवा तथा अपंगों की देखभाल का समावेश किया जा सकता है ।
५. भावनात्मक सेवा या सहारा भी मानव सेवा का महत्वपूर्ण हिस्सा है । दुखिहारे व्यक्ति को प्यार, हिम्मत तथा विश्वास का सहारा देकर आप उसकी भावनात्मक सेवा कर सकते हैं ।
६. आर्थिक रूप से कमजोर या समय की मार से सताए व्यक्तियों की यथासंभव आर्थिक सहायता भी मानव सेवा का पहलू है ।
ज्ञानियों ने सही कहा हे कि " पर पीड़ा नहीं सम अधिमायी " अर्थात दूसरे की पीड़ा से बड़ी कोई पीड़ा नहीं है ।
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