न िे 2 पद्यांश हदए गए िै ककस एक पदयांश को ध्यानप
ू
िवक
पहढ़ए और उस पर आिाररत प्रश्नों के उत्तर
दीजिये :-
पद्यांश |
भाग्यिाद आिरर् पाप का
और शथत्र शोषर् का
जिससे रखता दबा एक िन
भाग्य दसू रे िन का |
प
ू
िो ककस भाग्यिादी से
यहद विधि अंक प्रबल िै
पद पर तयों देत न थियं
िसु
िा ननि रतन उगल िै?
उपिाता त यों विभि प्रक
ृ
नत का
स ंि -स ंि िि िल से ?
तयों न उठा लेता ननि संधित
कोष भाग्य के बल से?
एक मन
ु
ि संधित करता िै
अथव पाप के बल से
और भोगता उसे दसू रा
भाग्यिाद के िल्न से |
नर -समाि का भाग्य एक िै
िि श्रम ,िि भ
ु
ि-बल िै
जिसके सम्म
ु
ख झु
की ि
ु
य
पथ्
ृ
ि ,विन त नभ तल िै |
(1)विधि -अंक' का अथव िै-(
(2)श्रम को नर समाि का भाग्य किा गया िै तयोंकक –
(3)भाग्यिाद को पाप का आिरर् किा गया िै तयोंकक –
(4)काव्यांश मैंकवि का दृजष्टकोर् कै सा प्रत त िोता िै?
(5)कविता का सन्देश िै
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न िे 2 पद्यांश हदए गए िै ककस एक पदयांश को ध्यानप
ू
िवक
पहढ़ए और उस पर आिाररत प्रश्नों के उत्तर
दीजिये :-
पद्यांश |
भाग्यिाद आिरर् पाप का
और शथत्र शोषर् का
जिससे रखता दबा एक िन
भाग्य दसू रे िन का |
प
ू
िो ककस भाग्यिादी से
यहद विधि अंक प्रबल िै
पद पर तयों देत न थियं
िसु
िा ननि रतन उगल िै?
उपिाता त यों विभि प्रक
ृ
नत का
स ंि -स ंि िि िल से ?
तयों न उठा लेता ननि संधित
कोष भाग्य के बल से?
एक मन
ु
ि संधित करता िै
अथव पाप के बल से
और भोगता उसे दसू रा
भाग्यिाद के िल्न से |
नर -समाि का भाग्य एक िै
िि श्रम ,िि भ
ु
ि-बल िै
जिसके सम्म
ु
ख झु
की ि
ु
य
पथ्
ृ
ि ,विन त नभ तल िै |
(1)विधि -अंक' का अथव िै-(
(2)श्रम को नर समाि का भाग्य किा गया िै तयोंकक –
(3)भाग्यिाद को पाप का आिरर् किा गया िै तयोंकक –
(4)काव्यांश मैंकवि का दृजष्टकोर् कै सा प्रत त िोता िै?
(5)कविता का सन्देश िै
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