Hindi, asked by singhsaksham7193, 11 months ago

निम्नांकित पंक्ति में पहचान कर बताइए कि कौन-सा रस है ? उस रस की परिभाषा देते हुए उसका स्थायी भाव भी लिखिए—
जेहि दिसि बैठे नारद फूली । सो दिसि तेही न बिलोकी भूली ।।
पुनि-पुनि मुनि उकसहिं । देखि दसा हर गन मुसुकाहीं ।।

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Answered by shishir303
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जेहि दिसि बैठे नारद फूली । सो दिसि तेही न बिलोकी भूली ।।

पुनि-पुनि मुनि उकसहिं । देखि दसा हर गन मुसुकाहीं ।।

इन पंक्तियों में हास्य रस है।  

हास्य रस का स्थाई भाव हास होता है।  

हास्य रस की परिभाषा के अनुसार ‘जब दूसरों की चेष्टा को देखकर या उसके अनुकरण करने से जो हास्य से उत्पन्न होता है अथवा किसी वस्तु, व्यक्ति के विकृत आकार, वेशभूषा, वाणी, चेष्टा आदि से व्यक्ति को बरबस हंसी आ जाए तो वहां का हास्य रस की उत्पत्ति होती है।’  

उपरोक्त पंक्तियों में हास्य रस प्रकट हो रहा है और हास्य रस का स्थाई भाव हास होता है।

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रस से संबंधित प्रश्न....

निम्नांकित पंक्ति में पहचान कर बताइए कि कौन-सा रस है ? उस रस की परिभाषा देते हुए उसका स्थायी भाव भी लिखिए—

नाना वाहन नाना वेषा । बिहसे शिव समाज निज देखा ।।

कोउ मुखहीन बिपुल मुख काहू । बिन पद-कर कोऊं बहु-बाहु ।।

https://brainly.in/question/15933987

क) काव्यांश में निहित रस पहचानकर लिखिए- श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे। सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे। ख) हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए। ग) श्रृंगार रस क स्थानीयभाव का नाम लिखिए। घ) 'उत्साह' किस रस का स्थायीभाव है?

https://brainly.in/question/15033865

Answered by vimaleshchhonkar1985
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Answer:

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