निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें—
संतृप्त विलयन, शुद्ध पदार्थ, कोलाइड, निलंबन
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संतृप्त विलयन : जब कोई विलेय पदार्थ अधिकतम मात्रा तक विलायक में घुला हुआ हो अर्थात इस मात्रा के बाद विलायक में और अधिक विलेय को घोलने की क्षमता न हो तो ऐसे विलयन को संतृप्त विलयन कहते है।
किसी विलेय पदार्थ की वह अधिकतम मात्रा जो एक निश्चित ताप पर 100 ग्राम विलायक में घुल सके , विलेय पदार्थ की विलेयता कहलाती है और इस प्रकार अधिकतम विलेय पदार्थ के घुलने से बने विलयन को संतृप्त विलयन कहते है
एक असमांगी मिश्रण, जिसके कण घुलते नहीं हैं लेकिन माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं, निलंबन (SUSPENSION) कहलाता है। दूसरे शब्दों में वैसा घोल जो ठोस द्रव में परिक्षेपित हो जाता है, निलंबन कहलाता है। निलंबन के कणों को नंगी आँखों को देखा जा सकता है
साथ ही यौगिक, जो दो या दो तत्वों से मिलकर बनते हैं, भी शुद्ध पदार्थ कहे जाते हैं। यथा: जल, साधारण नमक, आदि। अत: सभी तत्व तथा यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं।
वे पदार्थ जो जन्तु झिल्ली में से विसरित नहीं होते उन्हें कोलाइड कहते है।
जैसे : स्टार्च , गोंद , जलेडीन आदि।
कोलाइड कोई पदार्थ नहीं है परन्तु पदार्थ की एक अवस्था है जिसके कणों का आकार 1nm से 1000nm या 10-9 meter से 10-6 m होता है।