Hindi, asked by kuhusingh2501, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
कविता को विडंबना मानते हुए लेखक ने क्या कहा है?

nimnalikhit prashn kaa uttar (50-60 shabdon men) likhie −
kavitaa ko viḍanbanaa maanate hue lekhak ne kyaa kahaa hai?

रामविलास शर्मा

Answers

Answered by masoomnajuk82
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लेखक का विचार है की गोधूलि पर अनेक कवियों ने कविताएं लिखी है परंतु वे इस धूलि को सजीवता से चित्रित नहीं कर पाए, जो कि शाम के वक्त गाऐं चराकर लौटते समय ग्वालों और गायों के पैर से उठकर पूरे वातावरण में फैल जाती हैं। ज्यादातर कवि शहरों के रहने वाले हैं। शहरों में धूल-धक्कड़ तो होता है परंतु गांव की गोधूलि नहीं होती। इसलिए वे अपनी कविताओं में गांव की गोधूलि का सजीव चित्रण नहीं कर पाए। अर्थ यह है कि कवियों ने उन्हें जिसे देखा नहीं, अनुभव नहीं किया , भोगा नहीं  उसी को अपनी कविताओं में उतार दिया। इसमें कविता अपने सजीव रूप से से परे हो गई है इसी को लेखक ने कविता की विडंबना माना है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

Answered by chhaviramsharma9564
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Explanation:

कविता सौंदर्य की रचना करना चाहती है कभी गोधूलि बेला में अपनी कविता रचता है शहर में रहने वाला कवि या पाठक इस बेला की सुंदरता और अनुभव नहीं कर सकता कविता के पास भी इसकी क्षमता नहीं होती है यही कविता की विडंबना है लेखक ने इसके माध्यम से कहा है कि गोधूलि आदि की सुंदरता को गांव में जीवन के प्रत्यक्ष होकर भी अनुभव किया जा सकता है

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